इस्लाम धर्म में ईद उल अजहा (Eid al-Adha) यानी बकरीद (Bakrid) को बहुत ही प्रमुख त्योहार माना गया है. बकरीद (Bakrid) को रमजान के पवित्र महीने खत्म होने के लगभग 70 दिन बाद मनाया जाता है. इस साल बकरीद 21 जुलाई को मनाई जा रही है, तो आइए आपको बताते हैं कि इस्माल धर्म में बकरीद (Bakrid) का क्या महत्व है?
क्यों मनाई जाती है बकरीद? (Why is Bakrid celebrated?)
इस्लामिक मान्यता के अनुसार, इस दिन हजरत इब्राहिम अपने पुत्र हजरत इस्माइल को खुदा के हुक्म पर खुदा की राह में कुर्बान करने जा रहे थे, लेकिन तभी अल्लाह ने उनके पुत्र को जीवनदान दे दिया. बस तभी से उनकी याद में बकरीद मनाई जाती है.
बकरीद का महत्व (Importance of Bakrid)
इसे ईद-उल-अजहा या ईद-उल-जुहा भी कहा जाता है. यह दिन लोगों को सच्चाई की राह में अपना सबकुछ कुर्बान कर देने का संदेश देता है.
क्यों कहते हैं बकरीद? (Why is it called Bakrid?)
इस्लाम धर्म के लोग इस दिन बकरे या तुंबे-भेड़ की कुर्बानी करते हैं, इसलिए बकरीद कहा जाता है. इस अवसर पर सबसे पहले नमाज अदा की जाती है फिर बकरे या तुंबे-भेड़ की कुर्बानी दी जाती है. इसके बाद कुर्बानी के गोश्त को 3 हिस्सों में बांटकर एक हिस्सा गरीबों को दिया जाता है. दूसरा हिस्सा दोस्तों और सगे संबंधियों को और तीसरे हिस्सा अपने परिवार के लिए रखा जाता है.
बकरीद पर बधाई संदेशों के साथ दें शुभकामनाएं (Best wishes on Bakrid with congratulatory messages)
अगर आप खास अंदाज में बकरीद (Bakrid) के मौके पर अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और परिवार के सदस्यों को मुबारकबाद भेजना चाहते हैं, तो इन संदेशों के जरिए भेज सकते हैं.
अल्लाह की रहमत सदा आपके परिवार पर बरसे
हर गम आपके परिवार से दूर रहे
बकरीद की मुबारकबाद
चांद को चांदनी मुबारक
फलक को सितारे मुबारक
सितारों को बुलन्दी मुबारक
और आपको हमारी तरफ से बकरीद मुबारक….
सूरज की किरणें तारों की बहार
चांद की चांदनी अपनों का प्यार
हर घड़ी हो खुशहाल
उसी तरह मुबारक हो आपको बकरीद का त्योहार
ईद लेकर आती है ढेर सारी खुशियां
ईद मिटा देती है इंसान में दूरिया
ईद है खुदा का एक नायाम तबारोक
इसीलिए कहते हैं ईद मुबारक
हवा को खुशबू मुबारक
फिज़ा को मौसम मुबारक
दिलों को प्यार मुबारक
आपको हमारी तरफ से बकरीद मुबारक
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