शिव भक्तों को महाशिवरात्री का इंतजार बेसब्री से रहता है. ऐसे में जल्द ही वो दिन आने वाला है जब शिव भक्त देवों के देव महादेव की श्रद्धा में डूबे नजर आयेंगे. महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव के भक्त व्रत, पूजन से महादेव को प्रसन्न करते हैं. मान्यता है कि ऐसा करने से भोलेनाथ अपने भक्तों की हर मुसीबत से रक्षा करते हैं और इनकी स्तुति मात्र से ही हमारे अंदर से अकाल मृत्यु का भय दूर हो जाता है.
लेकिन इस बार भक्तों में महाशिवरात्री के दिन को लेकर कंफ्यूजन है कि इस बार महाशिवरात्रि 18 फरवरी को मनाया जायेगा या फिर 19 फरवरी को. ऐसे में इस लेख के तहत हम आपके इसी कंफ्यूजन को दूर करने जा रहे हैं. इस लेख में हम आपको महाशिवरात्री की सही तारीख, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि की जानकारी देने जा रहे हैं.
इस दिन मनाया जाएगी महाशिवरात्रि
हिंदू पंचांग के मुताबिक, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. इस बार फाल्गुन मास की चतुर्दशी तिथि 18 फरवरी की रात 8 बजकर 02 मिनट से शुरू होगी और 19 फरवरी की शाम 4 बजकर 18 मिनट पर खत्म होगी. लेकिन महाशिवरात्रि की पूजा निशिता काल में की जाती है. ऐसे में इस साल महाशिवरात्रि का पर्व 18 फरवरी 2023 यानी शनिवार को मनाया जायेगा.
महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त
इस बार महाशिवरात्रि पर की जायेगी चार पहर की पूजा
प्रथम पहर की पूजा- 18 फरवरी को शाम 06:41 बजे से रात 09:47 बजे तक
द्वितीय पहर की पूजा- 18 फरवरी को रात 09:47 बजे से रात 12:53 बजे तक
तृतीय पहर की पूजा- 19 फरवरी को रात 12:53 बजे से 03:58 बजे तक
चतुर्थ पहर की पूजा- 19 फरवरी को 03:58 बजे से सुबह 07:06 बजे तक
व्रत पारण का समय- 19 फरवरी को सुबह 06:11 बजे से दोपहर 02:41 बजे तक
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महाशिवरात्रि के दिन पूजा विधि
महाशिवरात्रि के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें और फिर साफ कपड़े पहनकर पूरी श्रद्धा के साथ भोलेनाथ के सामने हाथ जोड़कर व्रत रखने का संकल्प लें. इस दिन भोलेनाथ को बेल पत्र चढ़ाने का खास महत्व है. ऐसे में सबसे पहले भगवान शिव का पंचामृत और गंगाजल से अभिषेक कर बेल पत्र चढ़ाए. इसके साथ ही धतूरा, सफेद चंदन, इत्र, जनेऊ, फल और मिठाइयों से महादेव का भोग लगाएं. वहीं महाशिवरात्रि के दिन व्रत रखने और रुद्राभिषेक करने का भी बड़ा महत्व है.
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