कुत्ते पालन में रखें विशेष सावधानी, पालने से पहले जाने पूरी जानकारी
कुत्तों के साथ खेलना किसे पसंद नहीं होता है. यही कारण है कि इनको हम अपने घर में बड़े प्यार से पालते हैं. फिर बात इनके साथ खेलने की हो या घर की सुरक्षा की.
कुत्ते को पालने का शौक आज के दौर में बहुत से लोगों का होता है. लेकिन इसको पालने से पहले हमको किन सावधानियों को विशेष तौर पर ध्यान में रखना चाहिए यह जानना बहुत जरुरी हो जाता है. हम अक्सर कोशिश करते हैं कि जब भी कुत्ते को पालें तो उसके पपी (Puppy) को ही पालें. कुत्ते के बच्चे देखने में जितने प्यारे होते हैं उनकी केयरिंग भी उतनी ही जरुरी हो जाती है.
टीके लगवाने का रखें ख्याल
कुत्ते किसी भी नस्ल के हो या फिर वो पपी ही क्यों न हों उनको घर में रखने से पहले टीके जरूर लगवा लेने चाहिए. इससे पपी के साथ ही घर में रह रहे सदस्यों की भी सुरक्षा हो जाती है. क्योंकि कुत्तों में बहुत ही गंभीर बीमारियां होती हैं जो कुत्तों के साथ-साथ हम लोगों के लिए भी घातक होती हैं.
किस उम्र में लगवाएं टीके
कुत्तों में यह टीके लगने की प्रक्रिया पैदा होने के कुछ ही दिन के बाद शुरू हो जाती है. जब पपी की उम्र तीन महीने से कम होती है तो डोक्टर की सलाह लेने के बाद हर 15 दिन में एक टीका लगता है. तीन महीने के बाद उस पपी को महीने में एक बार और 6 महीने के बाद उसे दो महीने में एक बार टीका लगाया जाता है. एक साल की उम्र के बाद हर 3 महीने में एक टीका लगाया जाता है.
कुत्तों को समय से टीके न लगने पर इनमें कई तरह की बीमारियां होती है. केनाइन डिस्टेम्पर, हेपेटाइटिस, पार्वोंवाइरस, रेबीज़ और लेप्टोस्पायरोसिस जैसी बीमारियों के लिए टीके आवश्यक होते हैं. इनमें लेप्टोस्पायरोसिस बीमारी कुत्तों से इंसानों में भी हो जाती है.
कौन से टीके लगवाने होते हैं जरुरी
कुत्तों में लगने वाले टीकों में सबसे जरुरी टीके कैनाइन डिस्टेंपर (CDV), हेपेटाइटिस, एडीनो वाइरस (CAV), पार्वो वायरस (CPV), लेप्टोस्पायरोसिस Leptospirosis, पैराइन्फ़्लुएन्ज़ा के टीके होते हैं. यह सभी टीके डॉक्टर के परामर्श के बाद आप लगवा सकते हैं.
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