दूध हमारी खाद्य संस्कृति का एक जरूरी हिस्सा है क्योंकि इसमें महत्वपूर्ण सूक्ष्म पोषक तत्व और मैक्रोन्यूट्रिएंट मौजूद होते हैं. लेकिन, क्या ये बात सुनिश्चित हैं कि हम जो दूध पीते हैं वह शुद्ध और खतरनाक रसायनों से मुक्त हैं?
जाहिर है, हमें देश भर से दूध में मिलावट से जुड़ी कई तरह की खबरें पढ़ने को मिलती हैं. दूध में मिलावट सरकार और डेयरी उद्योग के लिए हमेशा से चिंता का विषय रहा है. ऐसे में हम आपको इस लेख के माध्यम से बताने जा रहे हैं कि कैसे आप दूध में मिलावट का पता लगा सकते हैं.
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दूध में शक्कर की मिलावट का पता लगाना-
परखनली में 10 मिली दूध लेकर 5 मिली हाइड्रोक्लोरिक एसिड 0.1 ग्राम रिसोर्सिनॉल के साथ डालें. अगर दूध का रंग लाल हो तो शक्कर मिली हुई हैं. शक्कर लैक्टोमीटर रीडिंग बढ़ाने के लिए मिलाई जाती हैं.
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दूध में नमक की मिलावट-
एक परखनली में 5 मिली. सिल्वर नाइट्रेट (0.8 प्रतिशत) लें उसमें 2-3 बूंद पोटेशियम डाइक्रोमेट (1 प्रतिशत) डालें और 1 मिली दूध साथ मिलाएं. यदि परखनली में दूध का रंग पीला हो जाए तो उसमें नमक मिला है और यदि यह चॉकलेटी रंग का हो जाए तो उसमें नमक नहीं मिला हैं.
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दूध में डिटरजेंट की मिलावट-
एक परखनली में 5 मिली दूध लेकर उसमें 0.1 मिली ब्रोमोक्रिसोल परपल सॉल्यूसन डालें. बैंगनी होने पर दूध में डिटरजेंट की मिलावट की और इंगित करता हैं.
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गाय के दूध में भैंस के दूध की मिलावट का पता लगाना-
गाय के दूध में भैंस के दूध की मिलावट का पता लगाने का सबसे अच्छा तरीका हंसा परीक्षण है. इस विधि के अनुसार एक साफ कांच के स्लाइड पर जांच करने वाले दूध की एक बूंद डालते हैं.
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यदि गाय के दूध में भैंस के दूध की मिलावट है तो स्लाइड पर रखे दूध की बूंद आधे से एक मिनट में या तो दही की तरह जमी हुई दिखाई देगी या फटी हुई सी मालूम होगी. इसके विपरित दूध शुद्ध है तो जैसी की जैसी रहेगी कोई परिवर्तन नहीं होगा.
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