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Bhai Dooj: 2 या 3 नवंबर कब मनाया जाएगा भाईदूज? इस दिन भूलकर भी न करें ये गलतियां

Bhai Dooj 2024: इस वर्ष भाई दूज के पर्व की तिथियों को लेकर कुछ असमंजस है कि यह त्योहार 2 और 3 नवंबर, 2024 को है. भाई दूज, जो भाई-बहन के रिश्ते का खास पर्व है. आइए जानते हैं कि इस वर्ष यह पर्व किस दिन मनाया जाएगा और इस दौरान क्या करें और क्या न करें. इनके बारे में जानते हैं...

लोकेश निरवाल
Bhai Dooj 2024 (Image Source: Freepik)
Bhai Dooj 2024 (Image Source: Freepik)

Bhai Dooj: हिंदू धर्म में भाई दूज का पर्व बेहद खास होता है. यह त्योहार भाई-बहन के पवित्र रिश्ते के लिए मनाया जाता है. इस साल भाई दूज का त्यौहार 2 और 3 नवंबर की तिथियों को लेकर कुछ असमंजस है. भाई दूज, जो भाई-बहन के रिश्ते का खास पर्व है, वह इस साल  3 नवंबर 2024 को मनाया जाएगा. इस दिन का शुभ मुहूर्त 2 नवंबर की रात 8:21 बजे से शुरू होगा और 3 नवंबर की सुबह 10:05 बजे तक रहेगा. परंपरा के अनुसार, पूजा दिन में करना उचित माना जाता है, इसलिए इस साल भाई दूज 3 नवंबर को मनाना शुभ रहेगा.

भाई दूज 2024 का शुभ मुहूर्त

तिलक का समय: 3 नवंबर दोपहर 1:10 बजे से 3:22 बजे तक शुभ मुहूर्त रहेगा. शास्त्रों के अनुसार, यह समय भाइयों की सलामती और खुशहाली के लिए तिलक करने का सबसे अच्छा समय है.

भाई दूज का महत्त्व

भाई दूज का त्यौहार भाई-बहन के प्रेम और विश्वास का प्रतीक है. पौराणिक कथा के अनुसार, मृत्यु के देवता यमराज अपनी बहन यमुना से मिलने आए थे, जिन्होंने यमराज का स्वागत किया और उनकी लंबी उम्र की कामना की. यमराज ने कहा कि इस दिन अपनी बहन से तिलक करवाने वाले भाइयों को समृद्धि और सुरक्षा का आशीर्वाद मिलेगा. तभी से इस दिन को "यम द्वितीया" भी कहा जाता है.

भाई दूज कैसे मनाएं?

  1. बहनें पूजा की थाली तैयार करती हैं जिसमें चावल, कुमकुम, दीपक, मिठाई और फल होते हैं. दीपक शुभता और समृद्धि का प्रतीक है.
  2. बहनें भाइयों के माथे पर तिलक लगाती हैं और उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती हैं. तिलक के साथ चावल लगाने का भी महत्व है.
  3. बहनें भाइयों की आरती उतारती हैं और मिठाई खिलाती हैं, जिससे उनके जीवन में सुख-शांति बनी रहे.
  4. इसके बाद, भाई अपनी बहन को उपहार देते हैं, जो प्रेम और सम्मान का प्रतीक होता है.

क्या करें और क्या न करें

क्या करें:

  • पूजा से पहले स्थान को साफ रखें, ताकि माहौल पवित्र रहे.
  • ताजे फूल और अगरबत्ती से सकारात्मकता बनाए रखें.
  • उत्सव को खुशी और कृतज्ञता के साथ मनाएं.

क्या न करें:

  • तिलक का समय दोपहर 1:10 से 3:22 बजे के बीच रखें, इससे शुभ फल प्राप्त होते हैं.
  • विवाद और असहमति से बचें ताकि त्यौहार का आनंद बना रहे.
  • पूजा के समय कुछ विशेष खाद्य पदार्थों का त्याग करें, ताकि धार्मिक परंपराएं निभाई जा सकें.

देश के विभिन्न हिस्सों में भाई दूज को अलग-अलग नामों से मनाया जाता है. महाराष्ट्र में इसे भाऊ बीज कहते हैं और पश्चिम बंगाल में इसे भाई फोंटा के रूप में मनाते हैं. हर जगह इसकी भावना एक ही है – भाई-बहन के बीच के प्रेम और सद्भाव का उत्सव. भाई दूज केवल एक रस्म नहीं, बल्कि एक दूसरे के प्रति आभार और आशीर्वाद जताने का समय है. यह दिन भाई-बहन के प्यारे रिश्ते को और मजबूत बनाता है.

English Summary: Bhai Dooj be celebrated time and date 2nd or 3rd November Published on: 01 November 2024, 05:34 PM IST

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