Diwali Festival: देशभर में दीपावली का पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन भारत का हर एक कौना रोशनी से जगमगा उठता है. दीपावली आने से पहले ही चोरो तरफ इसकी तैयारियां शुरू हो जाती है. क्या आप जानते हैं कि दीपावली से जुड़े 5 विशेष त्यौहार होते हैं, जो इस पर्व को ओर भी शुभ बना देते हैं. बता दें कि इस वर्ष दीवाली का दिन 31 अक्टूबर, 2024 को पड़ रहा है. दीपावली का शुभ मुहूर्त 31 अक्टूबर को दोपहर 3 बजकर 52 मिनट से शुरू होकर 1 नवंबर को शाम 6 बजकर 16 मिनट तक रहेगा.
दीपोत्सव का शुभारंभ कार्तिक कृष्ण पक्ष धनतेरस से शुरू हो जाता है, जोकि इस वर्ष 29 अक्टूबर, 2024 के दिन था और कार्तिक शुक्ल दूज भाईदूज तक मनाया जाता है, जो इस साल 3 नवंबर, 2024 को पड़ रहा है. इस समय प्रदोषकाल के साथ ही स्थिर वृष लग्न व कुंभ का स्थिर, नवमांश तीनों रहेंगे. पांचों दिन शुभ कार्यों और खरीदारी के लिए शुभ माने गए हैं.
दिन 1: धनतेरस
आयुर्वेद के जनक धन्वंतरि का जन्मोत्सव धनतेरस को मनाया जाएगा. इस दिन सुबह, दोपहर और शाम को उत्तम स्वास्थ्य के लिए विशेष पूजन होगा. ज्योतिषशास्त्र के अनुसार इस दिन बर्तन, आभूषण और कोई भी वस्तु खरीदना शुभ माना जाता है.
दिन 2: बुराई के अंत के लिए मनाते हैं रूपचौदस
कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी 30 अक्टूबर, 2024 को रूपचौदस और छोटी दिवाली मनाई जाएगी. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वधकर उसके भय से भक्तों को आजाद किया. इस दौरान भक्तों के द्वारा सुबह, दोपहर और शाम को विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है.
दिन 3: महालक्ष्मी पूजन
वर्ष 2024 में दीपावली का शुभ दिन 31 अक्टूबर, 2024 के दिन है. भक्तों के द्वारा दीवाली पर धन प्राप्ति और घर में सुख-समृद्धि के लिए महालक्ष्मी के साथ गणेश जी की पूजा की जाती है. कुबेर और महाकाली की भी पूजा का विधान है.
दिन 4: गोवर्धन पूजा
कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा 2 नवंबर, 2024 को सद्भाव के लिए लोग रिश्तेदारों के घर दिवाली की बधाई देने के लिए जाते हैं. इस दिन अन्न, सब्जियों का अन्नकूट बनाकर भगवान श्रीराम को भोग लगाया जाता है. साथ ही सुबह और शाम को पूरे विधि-विधान के साथ गोवर्धन पूजा भी की जाती है.
दिन 5: भाई दूज
पांच दिवसीय दीपोत्सव का आखिरी दिन कार्तिक शुक्ल दूज 3 नवंबर, 2024 को इस वर्ष पड़ रही है. भाई दूज के दिन बहनों के द्वारा भाइयों की लंबी उम्र के लिए यह त्योहार बनाया जाता है. इस दिन बहनें भाइयों के स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना करते हुए माता दूज का पूजन किया जाता है.
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