उत्तर प्रदेश की योगी सरकार लोकसभा चुनाव 2019 से पहले ही एक बड़ा फैसला लेने की तैयारी में है.सूत्रों की मानें तो फिर से प्रदेश की भाजपा सरकार किसानों का कर्ज माफ़ कर सकती है. इसके लिए पूरे प्रदेश में एक सर्वे किया जा रहा है. इस सर्वे का मकसद है पिछली बार कर्जमाफी से वंचित किसानों को लाभ देना।
एक रिपोर्ट के अनुसार बहुत से किसान आंशिक और तकनीकी गड़बड़ियों के कारण कर्जमाफी का लाभ नहीं उठा पाए थे. इस बार जिला स्तर पर योगी सरकार के सर्वे का मतलब ऐसे किसानों की पहचान करना है जो कर्जमाफी का लाभ नहीं ले पाए थे. योगी सरकार अगर ऐसा करती है तो इसे लोकसभा चुनाव में किसानों को लुभाने की बड़ी कवायद मानी जाएगी।
बता दें, साल 2017 में विधान चुनाव के जीतने के बाद योगी सरकार की कैबिनेट ने 32 हजार करोड़ रूपये की बजट से सीमांत किसानों का एक लाख तक का कर्ज माफ करने का फैसला लिया था. किसानों की कर्जमाफी की चर्चा एक बार फिर से तूल पकड़ने लगी है. दिसबंर में मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनी. इस विधान सभा चुनाव के दौरान ही कांग्रेस ने कर्जमाफी का वादा किया था और अपने इसी वादे के मुताबिक ही कांग्रेस ने सरकार बनते ही कर्जमाफी की घोषणा कर दी. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इसे कांग्रेस की प्रो-फार्मर छवि के रूप में पेश किया.
बता दें कि 2017 में सरकार बनते ही योगी कैबिनेट ने सीमांत किसानों का एक लाख तक का कर्ज माफ करने का फैसला लिया था. राज्य सरकार ने इसके लिए 32 हजार करोड़ रुपये के बजट की घोषणा की थी. किसानों की कर्ज माफी एक बार फिर से चर्चा में तब आई जब पिछले साल दिसबंर में मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनी. कांग्रेस ने इन तीनों राज्यों में चुनाव के दौरान किसानों की कर्ज माफी का वादा किया था. वादे के मुताबिक तीनों राज्यों की कांग्रेस सरकारों ने सरकार बनाते ही पहले काम के रूप में किसानों के कर्ज माफी की घोषणा की. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इसे कांग्रेस की प्रो-फार्मर छवि के रूप में पेश किया.
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