जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री सुश्री उमा भारती ने घोषणा की है कि जल संरक्षण के क्षेत्र में देश भर के अग्रणी गांवों को जल क्रांति अभियान के तहत प्रचारित किया जायेगा। सुश्री भारती ने आज नई दिल्ली में जल क्रांति अभियान पर आयोजित एक राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह घोषणा की।
सुश्री भारती ने कहा कि मंत्रालय के अधिकारियों एवं गैर सरकारी संगठनों की एक समिति देश भर के ऐसे गांवों की पहचान करेगी। मंत्रालय के अधिकारी एवं वे स्वयं ऐसे गांवों का दौरा करेंगी। इसके बाद ऐसे गांवों को प्रचारित किया जायेगा एवं वहां हुए उल्लेखनीय कार्यों से देश के अन्य भागों के गांवों के लोगों को भी रूबरू कराया जायेगा। ताकि वे लोग अपने अपने गांवों में जाकर जल संरक्षण के लिए कार्य करने को प्रेरित हो सकें।
सुश्री भारती ने कहा कि सभी लोगों को मिलकर गांवों और शहरों में जल संरक्षण की अलख जगाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि शहरों के प्रदूषित जल का शुद्धिकरण कर किस प्रकार बेहतर इस्तेमाल किया जाये, इसके बारे में भी विचार किया जाना जरूरी है। उन्होंने जल संरक्षण में महिलाओं के भूमिका का जिक्र करते हुए कहा कि जल क्रांति अभियान एवं जल उपभोक्ता संगठनों में महिलाओं की भागीदारी बढाए जाने की जरूरत है।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण राज्य मंत्री श्री सजीव बालियान ने कहा कि जल क्रांति अभियान के तहत चयनित जल ग्राम आदर्श गांव के रूप में स्थापित हों, इसके लिए प्रयास किये जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि एक सफल गांव बाकी गांवों के लिए प्रेरणा बन सकता है।
सम्मेलन में जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय के सचिव श्री अमरजीत सिंह ने कहा कि वर्ष 2050 तक देश में आज पैदा होने वाले अन्न से लगभग दुगुने अन्न की जरूरत होगी। लेकिन देश में पानी सीमित है। हो सकता है उपलब्ध जल में से भी कुछ भाग औद्योगिक ईकाइयों को देना पडे। इसलिए जल का बेहतर से बेहतर उपयोग करते हुए अपनी उपज को दुगुना करना किसान के समाने एक बड़ी चुनौती है।
देशभर के विभिन्न हितधारक समूहों जैसे किसान, पंचायत सदस्य, अधिकारी, गैर सरकारी संगठन के प्रतिनिधियों और छात्रों सहित 700 प्रतिभागियों ने इस एक दिवसीय सम्मेलन में भाग लिया।
उल्लेखनीय है कि जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री सुश्री उमा भारती ने देशभर में एक समग्र एकीकृत दृष्टिकोण के माध्यम से सभी हितधाकरों को शामिल कर जन आंदोलन द्वारा जल संरक्षण और प्रबंधन को संघटित करने के लिए 05 जून, 2015 को जल क्रांति अभियान का शुभारंभ किया था। जल क्रांति अभियान का मुख्य उद्देश्य ‘ सहभागी सिंचाई प्रबंधन के लिए पंचायती राज संस्थाओं और स्थानीय इकाइयों सहित जमीनी स्तर पर सभी हितधारकों की भागीदारी को सुदृढ़ करना है। ’
जल क्रांति के चार घटक हैं। इनमें जल ग्राम योजना, मॉडल कमांड क्षेत्र का विकास , प्रदूषण को रोकना और जन जागरूकता पैदा करना शामिल है। ग्राम जल योजना के तहत देश भर के प्रत्येक जिले के जल संकट से प्रभावित दो गांवों का चयन कर उनके लिए समग्र जल सुरक्षा योजना को सूत्रबद्ध करना है। 828 ऐसे गांवों की पहचान करने का लक्ष्य है। अब तक 726 गांवों की पहचान कर ली गई है, साथ ही 180 गांवों के लिए समेकित जल सुरक्षा योजना तैयार कर ली गई है और इनमें से 61 योजनाओं को मंजूरी दे दी गई है।
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