देशभर के कई बड़े हिस्सों में किसानों को बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं की फसल में भारी नुकसान हुआ है. इसके अलावा आलू की फसल भी खुदाई के लिए तैयार है जिसमें बुरी तरह पानी भर गया है. इससे किसानों की चिंता दिन पर दिन बढ़ती जा रही है. वह जल्द ही इस समस्या से राहत पाना चाहते हैं. एक तरफ किसान मौसम की मार झेल रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ साल दर साल प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY- Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) का एरिया घटता जा रहा है. आखिर ऐसा क्यों हो रहा है? यह योजना किसानों की भलाई के लिए बनाई गई है, लेकिन किसानों को इस योजना का सही लाभ नहीं मिल पा रहा है.
केंद्रीय कृषि मंत्रालय की रिपोर्ट
केंद्रीय कृषि मंत्रालय (Ministry of Agriculture) की रिपोर्ट की मानें, तो फसल बीमा का सबसे अधिक फायदा इंश्योरेंस कंपनियां उठा रही हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि जिन किसानों की फसल पिछले 3 सालों में खराब हुई है, उनको लगभग 60 हजार करोड़ रुपये मिले हैं, लेकिन इंश्योरेंस कंपनियों को प्रीमियम से लगभग 76 हजार करोड़ रुपये मिले हैं.
आखिर क्यों नहीं मिल रहा मुआवजा
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो किसान और इंश्योरेंस कंपनी के बीच राज्य सरकार (राजस्व विभाग) है, जबकि बीमा केंद्रीय विषय है. जब किसान की फसल खराब होती है, तो पहले तहसीलदार और उसके मातहत कर्मचारी रिपोर्ट तैयार करते हैं. इस प्रक्रिया में खुलेआम पैसा मांगा जाता है. किसान शक्ति संघ का कहना है कि सरकार ने भी अबतक कोई ऐसी व्यव्स्था नहीं बनाई है, जिसके द्वारा आसानी से फसल बीमा योजना का लाभ उठाया जा सके. उनका मानना है कि इसके लिए सरकार को एक ऐप बनाना चाहिए. इसके जरिए किसान खराब हुई फसल की फोटो और वीडियो अपलोड कर पाए. इससे अनुमान लगाया जा सकेगा कि किसान को फसल में कितना प्रतिशत नुकसान हुआ है.
आपको बता दें कि केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्यसभा में दावा किया है कि किसानों को इस योजना का लाभ निर्धारित समय सीमा के भीतर दिया जाएगा. इस पर सरकार द्वारा नियमित रूप से निगरानी भी रखी जा रही है.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का प्रीमियम (Pradhan Mantri Fasal Bima Scheme Premium)
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खरीफ़ फसल – 2 प्रतिशत
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रबी फसल - 5 प्रतिशत
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बागवानी नकदी फसल - अधिकतम 5 प्रतिशत
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बाकी फसल - 98 प्रतिशत प्रीमियम केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर देती हैं
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शर्तें (Terms of the Pradhan Mantri Fasal Bima Scheme)
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किसान को फसल की बुवाई के 10 दिन के अंदर बीमा योजना का फॉर्म भरना होता है.
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अगर किसानों को फसल काटने के 14 दिनों के बीच किसी प्राकृतिक आपदा से नुकसान होता है, तो वह बीमा का लाभ ले सकता है.
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जिन किसानों की फसल किसी प्राकृतिक आपदा की वजह से खराब हुई है, सिर्फ उनको इस योजना का लाभ मिलेगा.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए जरूरी दस्तावेज़ (Documents required for Pradhan Mantri Fasal Bima Scheme)
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किसानों के पास आईडी कार्ड होना चाहिए. इनमें पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी कार्ड, पासपोर्ट, आधार कार्ड शामिल हैं.
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किसानों के पते के लिए ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी कार्ड, पासपोर्ट, आधार कार्ड की कॉपी लगती है, साथ ही एक फोटो भी लगती है.
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अगर किसानों के पास अपना खेत है, तो इसका खसरा नंबर और उसका पेपर चाहिए.
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खेत में बोई फसल का सबूत पेश करना होता है. इसके लिए किसान पटवारी, सरपंच, प्रधान से एक पत्र लिखवा सकता है.
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अगर खेत बटाई या किराए पर है, तो किसानों को खेत के मालिक के साथ हुए एग्रीमेंट की कॉपी लगानी पड़ेगी.
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एक कैंसिल चेक चाहिए होता है, ताकि बीमा फसल नुकसान का मुआवजा सीधे आपके बैंक खाते में आए.
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