भारतीय खाद्य निगम(FCI) के द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार 1 अक्टूबर को सार्वजनिक गोदामों में गेहूं और चावल का कुल स्टॉक 511.4 लाख टन था. जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 816 लाख टन था. आपको बता दें कि दिए गए आंकड़ों के अनुसार इस बार साल 2017 से अब तक गेंहू और चावल का स्टॉक सबसे निचले स्तर पर है. इसके अलावा 1 अक्टूबर को 227.5 लाख टन की मात्रा के साथ पिछले 6 सालों में सबसे निचल स्तर पर है.
आम आदमी पर इसका क्या होगा असर
भारतीय खाद्य निगम(FCI) के गोदामों में अनाज के स्टॉक में गिरावट का दिखना एक चिंता का विषय है. देश में पहले से ही गेंहू और आटे पर वार्षिक खुदरा मुद्रास्फीति दर सितंबर में अब तक के उच्चतम स्तर 17.41 प्रतिशत पर पहुंच गई है, जो पिछले आठ महीनों में सबसे अधिक है. आम आदमी पर इसके होने वाले असर को अगर देखा जाए तो सीधे तौर पर पड़ सकता है. गेंहू और चावल के स्टॉक में कमी की वजह से बाजार में आटा और चावल पर महंगाई बढ़ सकती है.
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रबी सीजन में लेट बुवाई का होगा कितना असर
अक्टूबर का आधा महीना लगभग सामाप्त हो चुका है लेकिन देश के कई हिस्सों में अभी तक रबी सीजन की बुवाई शुरु भी नहीं हुई है और इस बार बेमौसम बारिश के चलते खरीफ सीजन में धान की फसल में काफी बढ़े पैमाने पर नुकसान हुआ है.
एक हिसाब से देखा जाए तो इसका सीधा संबंध भंडारण है, क्योंकि अगर गेंहू की नई फसल आने में देरी होती है तो देश में गेंहू और चावल के कमजोर भंडार से कब तक काम चलाया जा सकता है. इसलिए यह एक बड़ी ही गंभीर समस्या है.
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