सोलर इन्वर्टर सूर्य की किरणों से बैटरी को चार्ज करता है और घर के सभी उपकरणों को चलाता है. अगर सूर्य की किरणें सोलर पैनल पर नहीं आ रही और सोलर पावर से चार्ज नहीं हो रहा, तो वह घर के बिजली की मेन सप्लाई से चार्ज होना शुरू हो जाता है. जिस वजह से घर में आने वाले बिजली की मेन सप्लाई कम से कम इस्तेमाल होती है.
हालांकि सोलर इन्वर्टर, साधारण इन्वर्टर से थोड़ा-सा अलग होता है और उससे थोड़ा-सा अलग कार्य करता है. जिस वजह से यह साधारण इन्वर्टर से थोड़ा-सा महंगा भी होता है.
सोलर इन्वर्टर के प्रकार (Types of Solar Inverter)
सोलर इन्वर्टर मुख्यतः तीन प्रकार होते हैं-
• ऑन ग्रिड सोलर इन्वर्टर (On Grid Solar Inverters)
• ऑफ ग्रिड सोलर इन्वर्टर (Off Grid Solar Inverters)
• हाइब्रिड सोलर इन्वर्टर (Hybrid Solar Inverters)
ऑन ग्रिड सोलर इन्वर्टर (On Grid Solar Inverters)
ऑन ग्रिड इन्वर्टर सरकारी ग्रिड या बिजली के साथ काम करता है. जब सौर पैनल पर्याप्त बिजली पैदा नहीं कर रहे हैं और बिजली की कमी है, तो उन्हें बिजली की आपूर्ति के लिए स्थानीय ग्रिड पर निर्भर रहना पड़ता है.
इसी तरह, जब सौर पैनल घर की आवश्यकता से अधिक बिजली उत्पन्न करते हैं, तो अतिरिक्त बिजली स्थानीय ग्रिड में स्थानांतरित कर दी जाती है. ये इन्वर्टर पूरी तरह से आटोमेटिक और इंटेलिजेंट इन्वर्टर हैं, जो इनबिल्ट प्रोटेक्शन के साथ होते हैं.
ऑफ ग्रिड सोलर इन्वर्टर (Off Grid Solar Inverters)
ऑन-ग्रिड इनवर्टर के विपरीत, ऑफ ग्रिड इनवर्टर स्थानीय ग्रिड पर निर्भर नहीं होते हैं. वे ऊर्जा के स्रोत के रूप में सौर पैनलों को प्राथमिकता देते हैं. वहीं ऑफ-ग्रिड इनवर्टर ऊर्जा के लिए सोलर बैटरी और सोलर पैनल का उपयोग करते हैं. आमतौर पर ऑफ ग्रिड इनवर्टर का इस्तेमाल ऐसी जगह पर होता है जहां लंबे समय तक या फिर लगातार बिजली कटौती होती है.
हाइब्रिड सोलर इन्वर्टर (Hybrid Solar Inverters)
जहां एक ओर ऑन-ग्रिड इन्वर्टर स्थानीय ग्रिड से जुड़े होते हैं और वे ऊर्जा को स्टोर करने के लिए बैटरी का उपयोग नहीं करते हैं.
वहीं दूसरी ओर ऑफ-ग्रिड इन्वर्टर ऊर्जा को स्टोर करने के लिए सौर बैटरी का उपयोग करते हैं. उधर हाइब्रिड इन्वर्टर ऑन ग्रिड और ऑफ ग्रिड सोलर इन्वर्टर का संयोजन है. हाइब्रिड इन्वर्टर न केवल स्थानीय ग्रिड से जुड़े होते हैं, बल्कि वे बैटरी का भी उपयोग करते हैं.
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