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मेड़बंदी तकनीक को लेकर किसानों को किया जा रहा जागरूक, सरकार ने शुरू की 'वाटरशेड यात्रा'

ग्रामीण विकास मंत्रालय की 'वाटरशेड यात्रा' अब जन आंदोलन बन चुकी है, जिसका उद्देश्य जल और मिट्टी संरक्षण को बढ़ावा देना है. मेड़बंदी जल संचयन, मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने और भूमि को उपजाऊ बनाने में सहायक है. सरकार विभिन्न योजनाओं और जागरूकता अभियानों से इस पहल को सफल बना रही है.

लोकेश निरवाल
Rural Development
माटी है वरदान, जल लाए धन-धान्य: 'वाटरशेड यात्रा' बनी जन आंदोलन (Image Source: Freepik)

ग्रामीण विकास मंत्रालय के भूमि संसाधन विभाग द्वारा शुरू की गई "वाटरशेड यात्रा" अब एक जन आंदोलन का रूप ले चुकी है. इस अभियान के माध्यम से मिट्टी और जल संरक्षण का संदेश गांव-गांव तक पहुंचाया जा रहा है, जिससे पूरे देश में उत्साह की लहर दौड़ पड़ी है. इस यात्रा के दौरान किसानों को मेड़बंदी के फायदों के बारे में जागरुक किया जा रहा है. ताकि किसान अपने खेत को लंबे समय तक सुरक्षित रख सके. ऐसे में आइए आज के इस आर्टिकल में हम वाटरशेड यात्रा और मेड़बंदी से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी के जानते हैं...

क्या है 'वाटरशेड यात्रा'?

'वाटरशेड यात्रा' का उद्देश्य जल और मिट्टी के संरक्षण को बढ़ावा देना है. यह यात्रा ग्रामीण इलाकों में किसानों को जल प्रबंधन और मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने के लिए प्रेरित कर रही है. इसका मुख्य उद्देश्य है:

  • जल संचयन को बढ़ावा देना.
  • मिट्टी की उर्वरता बनाए रखना.
  • किसानों को प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के प्रति जागरूक करना.

मेड़बंदी के हैं अनेक फायदे

खेती में जल संरक्षण के लिए मेड़बंदी एक कारगर उपाय साबित हो रही है. इसके मुख्य लाभ निम्नलिखित हैं:

  1. बारिश के पानी को रोकने में सहायक: खेतों में पानी बहकर बर्बाद न हो, इसके लिए मेड़बंदी आवश्यक है.
  2. मिट्टी में नमी बनाए रखने में उपयोगी: मेड़बंदी से मिट्टी में नमी अधिक समय तक बनी रहती है, जिससे फसलों को पर्याप्त जल उपलब्ध होता है.
  3. भूमि को उपजाऊ बनाने में सहायक: मेड़बंदी से मिट्टी का कटाव रुकता है, जिससे भूमि की उर्वरता बनी रहती है.

कैसे बनें इस यात्रा का हिस्सा?

इस अभियान में जुड़ने के लिए सरकार और विभिन्न संस्थाएं ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चला रही हैं. किसान जल संचयन के लिए अपने खेतों में मेड़बंदी अपनाकर इस अभियान का हिस्सा बन सकते हैं.

सरकार की पहल और समर्थन

सरकार इस यात्रा को सफल बनाने के लिए कई योजनाएं चला रही है, जिनमें सब्सिडी और तकनीकी सहायता शामिल हैं. जल संरक्षण को लेकर पंचायत स्तर पर भी विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं.

निष्कर्ष: मिट्टी और जल संरक्षण किसी एक व्यक्ति की जिम्मेदारी नहीं बल्कि पूरे समाज की है. 'वाटरशेड यात्रा' एक महत्वपूर्ण पहल है, जिससे न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी, बल्कि जल और मिट्टी के सतत उपयोग से देश की कृषि भी मजबूत होगी. आइए, हम सब मिलकर इस यात्रा का हिस्सा बनें और अपनी धरती को उपजाऊ बनाए रखें.

English Summary: watershed yatra embankment technique Ridge Farming Published on: 10 February 2025, 10:47 AM IST

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