
विकसित कृषि संकल्प अभियान” के 13वें दिन कृषि विज्ञान केन्द्र, बक्सर में किसान जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के तौर पर रामनाथ ठाकुर, माननीय केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री, भारत सरकार उपस्थित थे. कार्यक्रम का शुभारंभ स्थानीय लालगंज ग्राम स्थित कार्यालय सह प्रक्षेत्र में वृक्षारोपण के साथ हुआ. इसके उपरांत, माननीय मंत्री महोदय ने जिले के कृषक उत्पादक संगठन, इफको एवं प्रगतिशील किसानों द्वारा लगाई गई कृषि प्रदर्शनी का उद्घाटन किया.
उन्होंने प्रदर्शनी का भ्रमण कर प्रदर्शित तकनीकों की जानकारी ली और निर्धारित कृषि संवाद कार्यक्रम का विधिवत दीप प्रज्जवलित कर शुभारंभ किया. माननीय मंत्री महोदय ने अपने संबोधन में कृषि अनुसंधान, उन्नत तकनीकों, नवाचार, अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन, बीज एवं पौध उत्पादन आदि प्रसार गतिविधियों के माध्यम से किसानों को और अधिक जागरूक कर उन्हें तकनीकी रूप से सुदृढ़ करने की बात कही. साथ ही, उन्होंने वैज्ञानिकों, कृषि एवं संबंधित अधिकारियों व प्रसार कार्यकर्ताओं को ज्यादा से ज्यादा किसानों के खेत पर जाने पर बल दिया.
इससे पूर्व, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना के निदेशक एवं बिहार व झारखंड राज्य में अभियान के नोडल अधिकारी, डॉ. अनुप दास ने मुख्य एवं आमंत्रित अतिथियों का स्वागत किया. उन्होंने विकसित कृषि संकल्प अभियान की विस्तृत प्रगति रिपोर्ट साझा करते हुए बताया कि 29 मई से चल रहे इस देशव्यापी अभियान के तहत बिहार एवं झारखंड राज्यों के 8.25 लाख से अधिक किसानों के साथ वैज्ञानिकों की टीम द्वारा संवाद किया गया है.
इस संवाद के माध्यम से किसानों को कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के साथ-साथ खरीफ फसल उत्पादन की उन्नत तकनीकों के प्रति जागरूक किया गया. डॉ. दास, ने बताया कि 2007 में अपनी स्थापना के बाद से कृषि विज्ञान केंद्र, बक्सर ने लाखों किसानों की सेवा की है और जलवायु-अनुकूल कृषि जैसे धान की सीधी बुवाई, गेहूँ की शून्य जुताई, फसल विविधीकरण, कस्टम हायरिंग सेंटर और कई अन्य तकनीकों को किसानों तक पहुँचाया है. उन्होंने बताया कि अपने गुणवत्तापूर्ण विस्तार कार्य और किसानों की सेवा के कारण, कृषि विज्ञान केंद्र, बक्सर को जोन IV के लिए NAAS सर्वश्रेष्ठ कृषि विज्ञान केंद्र पुरस्कार 2025 प्राप्त हुआ है.
विशिष्ट अतिथि डॉ. पी. एस. पाण्डेय, माननीय कुलपति, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, समस्तीपुर ने बताया कि विश्वविद्यालय एवं कृषि विज्ञान केन्द्र के समन्वय से जिले में चार मशरूम उत्पादन इकाइयां कार्यरत हैं. इन इकाइयों में किसान उत्पादन के साथ-साथ मूल्य संवर्धित उत्पाद जैसे बिस्किट, नमकीन एवं पाउडर का भी उत्पादन कर आय अर्जित कर रहे हैं. उन्होंने ग्रामीण नवयुवक एवं नवयुवतियों को रोजगारपरक प्रशिक्षण जैसे सिलाई, ड्रोन चालन एवं भारी कृषि यंत्रों के संचालन व रखरखाव सहित कृषि संबद्ध प्रशिक्षण लेने हेतु विश्वविद्यालय से अधिक से अधिक संख्या में आवेदन करने के लिए प्रेरित किया.
अटारी, पटना के निदेशक, डॉ. अंजनी कुमार ने मृदा स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करते हुए किसानों को प्राकृतिक खेती, उसके महत्व एवं संभावनाओं की तकनीक से अवगत कराया. कार्यक्रम में आमंत्रित राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र, मुजफ्फरपुर के निदेशक डॉ. विकास दास, डॉ. मुन्नवर, डॉ. उज्ज्वल कुमार, डॉ. विकास सरकार समेत राज्य सरकार के संयुक्त निदेशक कृषि एवं पादप सुरक्षा, वीर कुंवर सिंह कृषि महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. पारसनाथ, डॉ. प्रेम प्रकाश श्रीवास्तव, डीन कॉलेज ऑफ फिशरीज, जिला कृषि पदाधिकारी बक्सर, उप-परियोजना निदेशक आत्मा आदि उपस्थित थे.
जिले के विभिन्न प्रखंडों से लगभग 800 महिला एवं पुरुष किसानों ने कार्यक्रम में भाग लिया. केन्द्र के हरिगोविंद, रामकेवल, आरीफ प्रवेज, रवि चटर्जी, राकेश मणि, राजेश कुमार राय, सरफराज अहमद खान, मुकेश आदि ने कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग दिया. डॉ. देवकरन, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, कृषि विज्ञान केन्द्र, बक्सर द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ.
Share your comments