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देश के लगभग सभी राज्यों में मानसून ने दस्तक दे दी है. जिसके चलते वर्तमान में ज्यादातर प्रदेशों में बारिश का सिलसिला जारी है. यही वजह है कि मौसम विभाग ने बारिश के मद्देनजर हरियाणा के किसानों के लिए एग्रोमेट एडवाइजरी जारी की है. इसमें फसलों को सुरक्षित रखने के लिए कुछ 'जरूरी बातों को करने' और 'कुछ बातों को ना करने' की सलाह किसानों को दी गई है.
एग्रोमेट एडवाइजरी की कुछ जरूरी बातें
कपास
किसानों को सलाह दी जाती है कि वे इस अवधि के दौरान फसल की सिंचाई या छिड़काव न करें.
यदि समय से बोई गई फसल 5-6 सप्ताह की हो तो पहले कसोला यंत्र की सहायता से कपास की फसल को पहली सिंचाई करने से पहले निराई-गुड़ाई करें और खरपतवारों को नष्ट कर दें.
कपास पर दीमक और थ्रिप्स की नियमित निगरानी की जानी चाहिए. क्योंकि वे इस मौसम में पौधे को नुकसान पहुंचाते हैं.
मूंग की फसल
किसानों को मूंग की कटाई रोकने की सलाह दी जाती है.
चावल
इस मौसम में किसानों को सलाह दी जाती है कि वे रोपाई पूरी कर लें और सिंचाई रोक दें और क्षेत्र में उचित जल निकासी प्रबंधन सुनिश्चित करें.
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सब्जी
जल्दी बोई जाने वाली फूलगोभी, टमाटर और मिर्च जैसी सब्जियों की नर्सरी उगाने के लिए यह समय अनुकूल है. नर्सरी उगाने के 30-35 दिनों के बाद यह रोपाई के लिए तैयार हो जाता है.
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गाय और भैंस
पशुओं को अधिकतर सुबह और शाम के समय पर्याप्त मात्रा में संतुलित आहार दिया जाना चाहिए. यदि पशुओं को अभी तक एफएमडी के खिलाफ टीका नहीं लगाया गया है, तो सुनिश्चित करें कि ब्लैक क्वार्टर, एंटरोटॉक्सिमिया जल्द से जल्द लग जाये.
मत्स्य पालन विशिष्ट जरूरी सलाह
किसानों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि टैंक में पानी की गुणवत्ता अच्छी तरह से बनी रहे ताकि मछली के अंडे किसी भी फंगल स्ट्रेन से संक्रमित नहीं हो. इस मौसम में किसान प्रेरित प्रजनन शुरू कर सकते हैं. नौसिखियों के लिए ये समय तालाब बनाने के लिए तैयारी करने का है. इस मौसम में अधिक से अधिक मछली के स्वास्थ्य का ध्यान रखने की जरूरत है.
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