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Honey Production: उत्तराखंड सरकार ने शुरू की शहद उत्पादन पर योजना

राज्य में फल, सब्जी, फूलों की खेती के साथ ही सरकार का शहद उत्पादन बढ़ाने पर विचार किया गया है. इसके लिए मधु ग्राम योजना के अन्तर्गत मधुमक्खी पालन में रोजगार करने पर 80% तक सब्सिडी देने की व्यवस्था की है.

हेमन्त वर्मा
Bee Keeping
शहद उत्पादन पर सरकारी सब्सिडी

उत्तराखंड सरकार ने स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए शहद उत्पादन अपनाने पर 80 प्रतिशत की सरकारी सब्सिडी देने की घोषणा की है. इसके लिए उतराखंड सरकार ने मधुमक्खी पालन के काम आने वाले बॉक्स पर 3200 रुपये अनुदान राशि देने जा रही है. सरकार जिलों के पंचायत स्तर पर मधु ग्राम बनाने की योजना शुरू की है.

क्या है मधु ग्राम की योजना (What is the Scheme of Honey production in Village)

शहद उत्पादन ग्राम स्तर पर किया जाता है इसलिए ही इस योजना का नाम मधु ग्राम रखा है. सरकार ने मधुपालन को बढ़ावा देने के लिए मधु ग्राम योजना शुरू की है. इस योजना में सभी जिलों के पंचायत स्तर पर एक मधु ग्राम स्थापित किया जाएगा. सरकार की ओर से 500 मधुमक्खी बॉक्स दिए जाएंगे. पर्वतीय क्षेत्रों में एपिस सिराना इंडिका और मैदानी क्षेत्रों में एपिस मैलीफेरा मधुमक्खी इन बाक्स के साथ दी जाएगी. जिला उद्यान विभाग द्वारा मधुमक्खी पालन करने वाले लाभार्थियों का चयन किया जा रहा है.

मधुमक्खी बॉक्स की कीमत (Bee box price)

राज्य में फल, सब्जी, फूलों की खेती के साथ ही सरकार का शहद उत्पादन बढ़ाने पर विचार किया गया है. इसके लिए मधु ग्राम योजना के अन्तर्गत मधुमक्खी पालन में रोजगार करने पर 80% तक सब्सिडी देने की व्यवस्था की है.

एक मौन बॉक्स की कीमत चार हजार रुपये है. इस योजना का लाभ लेने के लिए 20 मधुमक्खी बॉक्स खरीदने पड़ेंगे जिसकी कीमत 80 हजार रुपए आँकी गई है. इस योजना का लाभार्थी बनने के लिए सरकारी योजना के तहत सिर्फ 16 हजार रुपए में 20 मधुमक्खी बॉक्स का देना होगा. इस प्रकार इसमें 80 प्रतिशत तक सरकारी अनुदान मिलता है. ताकि यहाँ के लोग अच्छे से शहद उत्पादन शुरू कर सके और स्वरोजगार को बढ़ा सके. एक मधुमक्खी के बॉक्स से 20-22 किलो तक शहद तैयार किया जा सकता है.

प्रदेश में शहद का उत्पादन (Honey production in the state)

प्रदेश में साल का 2200 टन शहद उत्पादन किया जाता है मगर इसकी मांग पूरी नहीं की जा रही, क्योंकि कोरोना महामारी के दौरान शहद की मांग लगातार बढ़ रही है। इस क्षेत्रों में शहद लगभग 500-600 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा है. मौनपालकों को ज्यादा फायदे के लिए यह उत्पादित शहद मधु ग्राम केन्द्र से इक्कठा कर सीधा दूसरे देशों को निर्यात किया जाएगा क्योंकि यहां का शहद जैविक है और दूसरे राज्यों से अधिक गुणवत्ता पूर्ण है.

उत्तराखंड में मधुपालन स्वरोजगार का सबसे बढ़िया माध्यम है, क्योंकि इस राज्य में अधिक गर्मी नहीं पड़ती और पेड़-पौधों का अधिक क्षेत्र के कारण यहाँ पूरे साल मधुमक्खी पालन किया जा सकता है. इस पालन से कम मेहनत पर ज्यादा आमदनी प्राप्त कर सकते हैं.

राज्य में शहद का निर्यात (Honey exports in the UK state)

राज्य में लगभग साढ़े छह हजार लोग 71 हजार मधुमक्खी बॉक्सों में शहद उत्पादन कर रहे हैं. इस राज्य में उत्पादित शहद की गुणवत्ता काफी अच्छी होती है जिसके कारण यहाँ का शहद विदेशों में भी निर्यात किया जाता है. प्रदेश से सालाना 200 करोड़ रुपए का शहद निर्यात किया जाता है.

योजना का लाभ कहाँ से ले (Where to take advantage of the scheme)

इसके लिए जिले के संयुक्त निदेशक, उद्यान विभाग से सम्पर्क किया जा सकता है या ऑनलाइन जानकारी लेने के लिए https://shm.uk.gov.in/ वेबसाइट पर क्लिक किया जा सकता है. अधिकारियों से संपर्क के लिए https://shm.uk.gov.in/contactus सूची देखि जा सकती है.

English Summary: Uttarakhand government will get 80% subsidy on beekeeping! Published on: 05 December 2020, 08:14 PM IST

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