1. Home
  2. ख़बरें

यूरिया आयात में आएगी कमी, उत्पादन बढ़कर 72.146 लाख मीट्रिक टन होगा : राव इंद्रजीत

केंद्रीय योजना एवं रसायन तथा उर्वरक राज्य मंत्री (स्व तंत्र प्रभार) राव इंद्रजीत सिंह ने लोकसभा में एक लिखित प्रश्नी के उत्तर में बताया कि सरकार कई उर्वरक इकाईयों को फिर से शुरु करने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि फॉर्टिलाइजर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड और हिंदुस्तान फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचएफसीएल) की 5 टलचर, रामागुंडम, गोरखपुर और सिंदरी तथा बरौनी में बंद पड़ी इकाईयों फिर से चालू कर रही हैं।

केंद्रीय योजना एवं रसायन तथा उर्वरक राज्य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) राव इंद्रजीत सिंह ने लोकसभा में एक लिखित प्रश्‍न के उत्तर में बताया कि सरकार कई उर्वरक इकाईयों को फिर से शुरु करने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि फॉर्टिलाइजर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड और हिंदुस्तान फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचएफसीएल) की 5 टलचर, रामागुंडम, गोरखपुर और सिंदरी तथा बरौनी में बंद पड़ी इकाईयों फिर से चालू कर रही हैं। नई तकनीक के प्रयोग से प्रत्येक इकाई में 12.7 लाख मीट्रित टन अमोनिया- यूरिया का प्रति वर्ष उत्पादन किया जाएगा।

राव के मुताबिक ये बंद उर्वरक संयंत्र मुताबिक तलचर उर्वरक लिमिटेड ( तलचर, लिमिटेड), रामगुंडम उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (रामगुंडम, तेलंगाना), हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (गोरखपुर, उत्तर प्रदेश), हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (सिंदरी, झारखंड), हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (बरौनी, उत्तर प्रदेश) में स्थित हैं।

मंत्रिमंडल ने 21.05.2015 को नमरूप में ब्रह्मपुत्र उर्वरक निगम लिमिटेड परिसर में नए अमोनिया- यूरिया परिसर की स्थापना को मंजूरी दी है। इसकी उत्पादक क्षमता 8.646 लाख मीट्रिक टन प्रति वर्ष होगी। उपरोक्त नए संयंत्रों की शुरूआत के अलावा देश में यूरिया का उत्पादन बढ़कर 72.146 लाख मीट्रिक टन प्रति वर्ष हो जाएगा जिससे यूरिया के आयात में भारी कमी आएगी। सिंह ने बताया कि उपरोक्त प्रस्तावों के लागू होने से यूरिया की मांग और आपूर्ति के बीच अंतर कम होगा और उर्वरक क्षेत्र में सुधार होगा।

नई निवेश नीति-2012 दिनांक 2 जनवरी, 2013 बाद में 7 अक्टूबर 2017 को संशोधित के प्रावधानों के अनुसार मेटिक्स उर्वरक और रसायन लिमिटेड ने पश्चिम बंगाल के पानगढ़ में कोल बेड मीथेन आधारित नये अमोनिया- यूरिया परिसर की स्थापना की है। इसकी उत्पादन क्षमता 1.3 एमएमटी प्रति वर्ष है। इस संयत्र में 1 अक्टूबर 2017 को उत्पादन को उत्पादन शुरू हो गया। चंबल उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड ने भी 1.34 एमएमटी उत्पादन की क्षमता वाले एक संयत्र को राजस्थान के गदेपर में शुरू करने का प्रस्ताव दिया है। इसमें 1 जनवरी 2019 से वाणिज्यिक उत्पादन शुरू होने की आशा है।

English Summary: Urea will come in import, production will increase to 72.14 lakh metric ton: Rao Indrajit Published on: 19 December 2017, 11:13 PM IST

Like this article?

Hey! I am . Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News