अभी हाल ही में 5 राज्यों के चुनाव नतीजे आए और इसमें तीन बड़े राज्यों की कमान बीजेपी ने कॉंग्रेस के हाथों में थमा दी. मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में नवनिर्वाचित कांग्रेस सरकार ने आते ही कृषि ऋण माफ करने की घोषणा कर दी. पहले कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में किसानों का ऋण माफ़ करने का एलान किया उसके बाद राजस्थान फिर छत्तीसगढ में ऋण माफी की घोषणा की गई. बाद में तो जैसे पूरे देश में कर्ज माफी की झड़ी लग गई. बीजेपी की तरफ से सबसे पहले असम में ऋण माफी की घोषणा की गई तो ऐसे में ऋण माफी की अटकलों से उत्तर प्रदेश क्यों अछूता रहता. अब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने भी किसानों का ऋण माफ करने लिए करीब 15 अरब रुपये का बजट मंजूर कर दिया.
बता दें उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने किसानों का ऋण माफ करने लिए करीब 15 अरब रुपये का बजट मंजूर किया है. उत्तर प्रदेश में यह ऋण माफी उन किसानो के लिए है जो किसान पिछले साल हुई कर्जमाफी में योजना के लाभ से वंचित रह गए थे. सत्ता में आने के तुरंत बाद ही योगी सरकार ने प्रदेश के लघु और सीमांत किसानों के 360 अरब रुपये का ऋण माफ करने की घोषणा की थी. इसमें लगभग 86 लाख किसानों को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया था. बाद में बैंकों के रिकॉर्ड चेक करने के बाद पाया गया था कि केवल 66 लाख छोटे और सीमांत किसान इस योजना के अंतर्गत उपयुक्त है.
बता दें कि मार्च 2018 के अतं तक केवल 36 लाख किसानों की कर्जमाफी 220 करोड़ रूपये से हो सकी थी. इन सभी लाभ लेने वालों में 1,26,000 ऐसे किसान भी शामिल थे जिनके बैंक खातों का ऋण माफ़ करके उन्हें क्रियाशील कर दिया गया. चूंकि साल 2017-18 के दौरान विभिन्न कारणों से बड़ी संख्या में किसान इसका लाभ नहीं ले पाए थे इसलिए सरकार ने चालू वित्त वर्ष तक इस योजना का विस्तार कर दिया और साथ ही सालाना बजट में करीब 40 अरब रुपये आवंटित कर दिए है. राज्य सरकार ने किसानों को फिर से आवेदन करने के लिए कहा था और बाद में 10 लाख से अधिक छोटे और सीमांत किसानों ने अपनी ऑनलाइन शिकायतें दर्ज की थीं.
प्रभाकर मिश्र, कृषि जागरण
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