
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के किसानों को गेहूं बिक्री को लेकर बड़ी राहत दी है. अब से राज्य के किसान करीब 100 कुंतल तक गेहूं को बिना किसी सत्यापन के आसानी से बेच सकते हैं. जहां पहले किसानों को गेहूं की उपज को बेचने के लिए कई तरह की परेशानियों को सामना करना पड़ता था, लेकिन अब ऐसा बिल्कुल नहीं होगा. इस संदर्भ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर खाद्य एवं रसद विभाग ने यह निर्णय लिया है ताकि किसानों को रिकॉर्ड की गड़बड़ियों या सत्यापन की जटिल प्रक्रियाओं से राहत मिल सके.
बता दें कि राज्य सरकार का यह निर्णय किसानों की सुविधा और लाभ को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, जिससे वे अपने उत्पाद को समय पर और बिना बाधा के बेच सकें. आइए सरकार की इस पहल के बारे में यहां विस्तार से जानते हैं...
क्या है राज्य सरकार की नई व्यवस्था?
- राज्य के पंजीकृत किसान अब बिना सत्यापन के 100 कुंतल तक गेहूं बेच सकते हैं.
- यदि सत्यापन हो जाता है, तो किसान अपनी अनुमानित उत्पादन क्षमता के 3 गुना तक गेहूं बेच पाएंगे.
- इस फैसले से किसानों को कागजी कार्यवाही में लगने वाले समय और परेशानियों से निजात मिलेगी.
पंजीकरण प्रक्रिया
राज्य सरकार की इस सुविधा का लाभ पाने के लिए किसानों fcs.up.gov.in पोर्टल या UP KISHAN MITRA मोबाइल ऐप के माध्यम से पंजीकरण करना होगा ताकि उनका रिकॉर्ड सरकार के पास पहुंच सके.
क्या मिलेगा किसानों को?
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यूपी सरकार लगभग 2425 रुपये प्रति कुंतल की दर से गेहूं खरीद रही है. इसके अलावा किसानों को 20 रुपये प्रति कुंतल अतिरिक्त भुगतान भी दिया जाएगा, जो उतराई, छनाई और सफाई के लिए होगा. ध्यान रहे कि सरकार के द्वारा गेहूं की खरीद मोबाइल क्रय केंद्रों के माध्यम से की जा रही है. किसान चाहते तो अवकाश के दिनों में भी गेहूं बेच सकते हैं.
समस्या हो तो यहां करें संपर्क
किसान गेहूं की खरीद से जुड़ी किसी भी समस्या का हल पाने के लिए टोल फ्री नंबर 18001800150 पर कॉल कर सहायता पा सकते हैं. साथ ही, वे अपने क्षेत्रीय खाद्य विपणन अधिकारी, तहसील, या ब्लॉक स्तर के विपणन अधिकारी से भी संपर्क कर मदद प्राप्त कर सकते हैं.
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