देश में कई प्रकार के औषधीय पेड़ों को उगाया जाता है, लेकिन बहुत कम किसानों ने मिलिया दुबिया का नाम सुना होगा. किसान भाईयों को बता दें कि यह पेड़ बहुत कम पानी में तेजी से बढ़ता है, जिससे किसानों को बहुत अच्छी आमदनी मिल सकती है. इसके साथ खेत में कई प्रकार की फसल भी उगाई जा सकती है. सबसे खास बात है कि जब इस पेड़ की पत्तियां फसल पर गिरती हैं, तो फसल में बीमारी का प्रकोप कम हो जाता है. इसे लगाने के बाद फसल में कीटनाशक का उपयोग भी बहुत कम करना पड़ता है. यह नेचुरल पॉली हाऊस का काम भी करता है. इस पेड़ को कम पानी वाले क्षेत्र में आसानी से तैयार किया जा सकता है. इसी कड़ी में जल्द ही मिलिया दुबिया से किसानों की दो बड़ी समस्याओं का हल निकाला जाएगा. बता दें कि किसानों के लिए आर्थिक तंगी और पर्यावरण प्रदूषण की समस्या ज्यादा होती है. इसके लिए यूपी के कृषि वैज्ञानिक मिलिया दुबिया की एक किस्म पर शोध कर रहे हैं.
कृषि वैज्ञानिकों ने खोजा उपाय
आपको बता दें कि यूपी में जंगलों की संख्या घट रही है, जिससे प्रदूषण की समस्या लगातार बढ़ रही है. इससे किसानों को खेती में भी नुकसान हो रहा है. किसानों को इस समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए एक नया उपाय खोजा गया है. दरअसल, किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए अब मिलिया दुबिया की एक नई किस्म पर शोध किया जाएगा, जो कि मिलिया दुबिया की पैदावार को बढ़ाएगी, साथ ही किसानों की आमदनी में भी इजाफ़ा होगा.
क्या है मिलिया डुबिया
भारत के साउथ क्षेत्रों में मिलिया दुबिया की काफी पैदावार होती है. इस पेड़ की पत्तियां चौड़ी होती है. अगर पैदावार की बात करें, तो हस साल प्रति हेक्टेयर 40 क्यूबिक मीटर पैदावार मिल सकती है. खास बात है कि इस नई किस्म की खेती से यूपी में खत्म होते जंगल को बढ़ाया जा सकता है. मिलिया दुबिया का पौधा हर महीने लगभग 1 फीट बढ़ता है. इसकी लंबाई 3 साल में लगभग 36 फीट तक हो जाती है. यह 5 से 6 साल में तैयार हो जाता है, जो कि 3 से 4 हजार रुपए से अधिक कीमत पर बेचा जा सकता है.
ये केंद्र मिलिया दुबिया की किस्म पर करेंगे शोध
इस किस्म पर शोध झांसी का वन अनुसंधान केंद्र और सेंट्रल एग्रो फॉरेस्ट्री रिसर्च इंस्टीट्यूट मिलकर करेगा. बता दें कि इसका पूरा प्रोजेक्ट डिपार्टमेंट ऑफ बायो टेक्नोलॉजी को भेज दिया गया है. यूपी में इससे पहले मिलिया दुबिया को लेकर कोई शोध नहीं हुआ है. मगर अब यह दोनों केंद्र मिलिया दुबिया की किस्म पर शोध करेंगे. इस शोध में बताया जाएगा कि यूपी के किस क्षेत्र के लिए कौन-सी किस्म बेहतर रहेगी.
मिलिया दुबिया के साथ अन्य फसलों की खेती
खास बात है कि किसान मिलिया दुबिया की खेती के बीच में कई अन्य फसलों की पैदावार भी प्राप्त कर सकते हैं. इस किस्म को यूपी के मौसम के अनुसार बहुत उपयुक्त माना गया है. ऐसे में किसानों को इसकी पैदावार से कई फायदे होंगे.
मिलिया दुबिया किस्म से लाभ
यह कई औषधीय गुणों से भरपूर है, इसलिए आम जीवन में इसका खूब उपयोग किया जाता है. बता दें कि इसकी पत्तियां नीम की तरह दिखती हैं. यह त्वचा, पेट, आंखों और विषाणु जनित समस्याओं के लिए लाभकारी है. खास बात है कि इसकी पत्तियों में हर तरह के संक्रमण को रोकने की क्षमता होती है.
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