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फसलों पर कहर बरपा रही बेमौसमी बारिश, प्याज के बाद अब आलू और चावल की कीमतों में बढ़ोतरी, जानें कब तक मिलेगी राहत

देश में हो रही बेमौसमी बारिश के कारण आलू और चावल की उपज प्रभावित हुई है. पिछले कुछ महीनों में इनके दाम काफी तेजी से बढ़े हैं. इनकी कीमतों में 12 प्रतिशत तक की वृद्धि दर्ज की गई है.मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चावल और आलू की कीमतों में बढ़त का रुझान अगले तीन से चार महीनों तक जारी रहने का अनुमान है.

बृजेश चौहान
आलू और चावल की कीमतों में बढ़ोतरी. (Image Source: Pinterest)
आलू और चावल की कीमतों में बढ़ोतरी. (Image Source: Pinterest)

सर्दी का मौसम दस्तक दे चुका है, लेकिन देश अलग-अलग क्षेत्रों में हो रही बारिश फसलों पर कहर बनकर टूट रही है. प्याज की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी के बीच अब आलू और चावल की कीमतों में भारी उछाल आया है. मैदानी इलाकों में हो रही बारिश से आलू और धान की फसल पर विपरीत प्रभाव पड़ा है. जिस वजह से पिछले कुछ महीनों में इनके दाम काफी बढ़ चुके हैं.

कीमतों में 12 प्रतिशत की वृद्धि

इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, बारिश के प्रभाव से बढ़ी बाधा के कारण आलू और चावल की कीमतों में 12 प्रतिशत तक की वृद्धि दर्ज की गई है. सरकार ने देश से गैर-बासमती चावल के निर्यात पर 20 जुलाई से प्रतिबंध लगाया है, ताकि चावल की कीमतों को नियंत्रित किया जा सके. वहीं, दक्षिण भारत में बारिश के कारण चावल के दाम विशेष रूप से 15 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं. खासकर कर्नाटक में बारिश ने खूब कहर मचाया है. जहां, खरीफ सीजन में चावल के उत्पादन में कमी देखी गई है. इस अवस्था के कारण दक्षिण भारत में चावल की मांग तेजी से बढ़ी है.

बारिश से प्रभावित हुई आलू की फसल

इसके साथ ही, अक्टूबर और नवंबर माह में हुई बारिश के कारण आलू की उत्पादन में भी अस्थायी बाधा आई है. कई क्षेत्रों में आलू की फसल बर्बाद होने के चलते नई फसल बाजार में नहीं आ पाई है. जिस वजह से पुराने आलू के स्टॉक की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं. आम तौर पर दिवाली के आसपास बाजार में नया आलू दस्तक दे देता है. लेकिन, इस बार बारिश ने सारा काम बिगाड़ दिया है.

बारिश के चलते चालव की सप्लाई घटी

दक्षिण भारत में बारिश के कारण चावल की आपूर्ति में कमी आई है. जिसके कारण उन्होंने उत्तर भारत से चावल खरीदना शुरू कर दिया है. दक्षिण भारत में उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों से चावल की सप्लाई की जा रही है. इसके कारण पूरे देश में चावल के दाम बढ़ रहे हैं. इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, चावल और आलू की कीमतों में बढ़त का रुझान अगले तीन से चार महीनों तक जारी रहने का अनुमान है. इसका प्रभाव अब अप्रैल 2024 में नई फसल के आने के बाद ही कम होने की संभावना है.

English Summary: Unseasonal rains wreaking havoc on crops after onion now prices of potatoes and rice have increased know for how long will relief be available Published on: 29 November 2023, 03:29 PM IST

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