देश के किसानों को पेस्टीसाइड से होने वाले दुष्परिणामों और फसल की गुणवत्ता के साथ-साथ आय में कैसे इजाफा हो इसके लिए मेरे ‘गांव की मिट्टी - शुद्ध उगाओ, शुद्ध खिलाओं,’ कैंपेन की शुरुआत केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी के दिल्ली निवास स्थान से 5 दिंसबर को हुई. मेरे गांव की मिट्टी कैंपेन की पहल देश की जानी मानी कंपनी MDH ग्रुप ने की. इसका उद्देश्य है कि भारतीय कृषि उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेस्टीसाइड के कारण नुकसान न हो और किसानों को उनकी फसलों का अच्छा दाम मिले. यह कैंपेन एमडीएच के शताब्दी वर्ष और पद्म विभूषण से सम्मानित महाशय धर्मपाल गुलाटी के सामाजिक कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए कंपनी के डायरेक्टर राजीव गुलाटी की देखरेख में शुरू किया गया.
प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में किसानों की स्थिति में सुधार
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में बीते 10 सालों में किसानों की हालत में सुधार हुआ है और उनका जीवन स्तर लगातार सुधर रहा है. लेकिन समय रहते किसानों को फसल की गुणवतता पर ध्यान देना जरुरी है और एम डी एच की पहल मेरे गांव की मिट्टी एक सराहनीय कदम है. भागीरथ चौधरी ने कहा कि किसान अगर कम पेस्टीसाइड के कृषि उत्पाद उगाएगा तो निश्चित तौर पर उसे उसकी फसल का बेहतरीन दाम भी मिलेगा और खेत की मिट्टी के तत्व भी बरकरार रहेंगे और उनकी उपजाऊ शक्ति बेहतरीन रहेगी. अगर खेत मजबूत होगा तो उस खेत से पैदा होने वाले उत्पाद भी स्वस्थ और स्वच्छ होंगे. यही कारण है कि आज दुनिया ऑर्गेनिक खेती की तरफ देख रही हैं क्योंकि उन्हें शुद्ध और स्वस्थ खाना है.
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किसानों को पेस्टीसाइड के दुष्परिणामों से अवगत करना
भारत सरकार लगातार इस पर काम कर रही है. जिस प्रकार मनुष्य शरीर पांच तत्वों से बना है और उसमें पृथ्वी तत्व की अहमीयत है और वो पृथ्वी तत्व तभी आपका ठीक रहेगा जब आप स्वस्थ खाओगे. स्वस्थ खाने के लिए जरुरी है स्वस्थ उगना. स्वस्थ उगाने की जिम्मेदारी हमारे किसानों की है जिन्हे पेस्टीसाइड के दुष्परिणामों से अवगत करवाने के लिए ‘मेरे गांव की मिट्टी’ का शुभांरभ हो रहा है. कृषि राज्य मंत्री ने कहा कि एम डी एच ग्रुप हर सामाजिक कार्यों में अग्रणी भूमिका निभाता है और इस जागरुकता रथ को शुरु कर ग्रुप ने किसानों के प्रति अपनी जिम्मेदारी को दर्शाया है.
कृषि उत्पादों की गुणवत्ता सुधारने से बढ़ेगा किसानों का लाभ
केंद्रीय मंत्री भागीरथ चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सपना है कि देश में उगने वाले कृषि उत्पाद दुनिया के हर कोने में पहुंचे और किसानों की आय में इजाफा हो. किसानों को उनकी फसल का दाम सिर्फ इस वजह से पूरा नहीं मिल पाता है क्योंकि उसके उत्पाद में कीटनाशक है, तो ये सरकार और इंडस्ट्री दोनों की ही जिम्मेदारी बन जाती है कि हम किसानों को जागरुक करें कि उनकी फसल का बेहतरीन दाम उनकी फसल की गुणवत्ता के आधार पर ही मिल सकता है.
2023-24 में मसालों के निर्यात में 12% की बढ़त
विश्व बाजार में भारत का कृषि कारोबार लगभग 55 अरब डॉलर का है, जिसमें मुख्य चावल है और अब मसाले भी इसका अहम हिस्सा बन गए हैं. साल 2023-24 में 12 फिसदी की बढ़त मसालों के निर्यात में आई है. साल 2023-24 में मसालों का कुल निर्यात 4.46 अरब डॉलर का हुआ है जो इस और इशारा करती है कि अगर मसाला इंडस्ट्री और सरकार मिलकर किसानों को पेस्टीसाइड को लेकर शिक्षित करें तो रिपोर्ट कहती है कि भारतीय मसाला का कारोबार साल 2030 तक 20 अरब डॉलर का हो सकता है, यानि 5 साल में 5 गुना.
राजस्थान के मसालों की अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ती मांग
राजस्थान में जीरा, लालमिर्च, धनिया, मेथी दाना, मेथी पत्ता की बेहतरीन फसल होती है और लगातार किसान जागरुक भी हो रहे हैं. इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि देश का किसान अब जागरुक हो रहा है और किसान भी चाहता है कि उसके उत्पाद विदेशी बाजारों में उचित कीमत पर बिके. भारत के ऑर्गेनिक मसालों, जड़ी बुटीयों की मांग और प्रोसेस्ड फूड की मांग लगातार बढ़ रही है. आज भारत सक्षम है विश्व का पेट भरने में. जितनी तेजी से देश में कृषि स्टार्टअप मोदी जी के शासन काल में आए हैं वो स्पष्ट दर्शाते हैं कि आने वाले कई साल भारतीय कृषि उद्योग के हैं. वही एमडीएच परिवार से आए प्रेम अरोड़ा ने बताया कि एमडीएच पहले से ही कम पेस्टीसाइड मसालों को ही प्रोसेस करता है.
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