1. Home
  2. ख़बरें

भारत को दुनिया का सिरमौर बनायेगा बिहार- शिवराज सिंह चौहान

बिहार की प्रतिभा दुनिया में अद्भूत है. क्योंकि यहां के किसानों के द्वारा उगाएं गए मखाना, कतरनी चावल और मगही पान समेत अन्य कई चीजों की देश ही नहीं बल्कि विदेशों के बाजार में भी काफी अधिक मांग है.

लोकेश निरवाल
केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, सांकेतिक तस्वीर
केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, सांकेतिक तस्वीर

केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री-सह-केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा 23 अगस्त, 2024 को कृषि भवन, पटना में किसानों के साथ संवाद किया गया. इसके कार्यक्रम के पूर्व केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी तथा कृषि मंत्री, बिहार मंगल पाण्डेय द्वारा कृषि भवन के परिसर में शाही लीची का पौध रोपण किया गया. साथ ही, केन्द्रीय मंत्री द्वारा कृषि भवन में प्रदर्शनी का अवलोकन किया गया.

केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों के साथ संवाद कार्यक्रम में कहा कि कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ है एवं किसान इसकी आत्मा है. किसानों की सेवा करना भगवान की पूजा करने के समान है. समृद्ध किसान के बिना विकसित खेती नहीं हो सकती है.

बिहार के 90% किसानों के पास छोटी-छोटी जोत

बिहार का मखाना, कतरनी चावल, मगही पान, मक्का, चाय और चाह बहुत ही अद्भूत है. केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान कहा कि बिहार के 90 प्रतिशत किसानों के पास छोटी-छोटी जोत है और इसी जोत पर यहाँ के किसान चमत्कार कर रहे हैं. कृषि क्षेत्र की अपार संभावनाओं को मूर्ति रूप देने के उद्देश्य से बिहार में वर्ष 2008 से कृषि रोड मैप का सूत्रण एवं कार्यान्वयन किया जा रहा है. अब तक तीन कृषि रोड मैप का क्रियान्वयन पूर्ण किया गया है. चतुर्थ कृषि रोड मैप (2023-28) का कार्यान्वयन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि कृषि रोड मैप के क्रियान्वयन से राज्य में खाद्यान्न फसलों तथा बागवानी फसलों के उत्पादन एवं उत्पादकता में आशातीत वृद्धि हुई है. केन्द्रीय मंत्री ने किसानों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि बिहार की प्रतिभा दुनिया में अद्भूत है. बिहार भारत का सिरमौर है, भारत को दुनिया का सिरमौर बनायेगा.  

चौहान ने कहा कि चतुर्थ कृषि रोड मैप में फसल विविधीकरण के तहत खरीफ मौसम में मक्का, दलहन, तेलहन फसलों सहित मोटे/पोषक अनाज की क्लस्टर में खेती को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं. राज्य में फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने की योजनाओं में केन्द्र प्रायोजित राष्ट्रीय कृषि विकास योजना एवं कृषोन्नति योजना की अहम् भूमिका है. उन्होंने कहा कि बिहार का मखाना निर्यात करने योग्य है, इसलिए इसे निर्यात किया जा रहा है. इससे संबंधित कार्यालय का बिहार में स्थापना करने हेतु वाणिज्य मंत्रालय, भारत सरकार से सम्पर्क कर स्थापना कराया जाएगा.

प्रधानमंत्री के द्वारा कृषि क्षेत्र में 06 सूत्र

  1. अच्छे बीज का उत्पादन कर उत्पादकता को बढ़ावा दिया जाये इसमें भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान भी किसानों को मदद करेंगे. उन्होंने कहा कि अभी हाल ही, में किसानों के खेतो में जाकर कम पानी में उपजाये जाने वाले धान के बीज, बाजरा के कम अवधि का बीज तथा जलवायु अनुकूल विभिन्न फसलों के बीजों को किसानों को समर्पित किया गया है.

  2. उत्पादन की लागत घटाना तथा किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से सस्ता लोन किसानों को उपलब्ध कराकर मुनाफा को बढ़ाना.

  3. किसानों को उत्पादन का उचित मूल्य प्राप्त हो. वर्तमान में 23 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया है.

  4. फसल विविधीकरण:- बिहार में फसल विविधीकरण में अच्छा कार्य हो रहा है. बिहार में मक्का तथा मोटे/पोषक अनाज का उत्पादन बढ़ा है. मक्का के उत्पादन बढ़ने से आज राज्य की इथेनॉल नीति को प्रोत्साहन मिला है. राज्य के कई जिलों में इथेनॉल इकाईयों की स्थापना से बॉयोफ्यूल को बढ़ावा मिल रहा है.

  5. खाद्य प्रसंस्करण की स्थापना:- राज्य में कृषि आधारित प्रसंस्करण इकाईयों और भण्डारण की अपार सम्भावनाएँ है.

  6. प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना:- रासायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशियों के उपयोग से हमारी मिट्टी की उर्वरा शक्ति में ह्रास हो रहा है. दिन-प्रतिदिन खेतों में कंेचुुआ एवं मित्र कीट की संख्या घटती जा रही है. इसलिए हमें आनेवाली पीढ़ी के लिए अच्छी उर्वरा मिट्टी उपलब्ध कराने के लिए प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना है.

बिहार के 80% किसान कृषि पर निर्भर

उप मुख्यमंत्री, बिहार सम्राट चौधरी ने कहा कि किसानों के साथ चर्चा करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है. यहाँ पर किसानों की समस्या सुनने आए हैं. बिहार के 80 प्रतिशत किसान कृषि पर निर्भर हैं और इसी से अपना जीवकोपार्जन कर रहे हैं. बिहार में खाद्य प्रसंस्करण से संबंधित उद्योग की स्थापना पर कार्य किया जा रहा है, जिससे बिहार के किसान खुशहाल होंगे. मंत्री, कृषि विभाग, बिहार मंगल पाण्डेय ने कहा कि केन्द्रीय मंत्री कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, भारत सरकार के साथ बहुत दिनों से राजनीतिक एवं सामाजिक जीवन से जुड़ा हुआ हूँ. उन्होंने बताया कि  केन्द्रीय मंत्री ने कहा था कि बिहार आकर दलहन, मखाना, मक्का, गेहूँ उत्पादक किसानों से बात करेंगे एवं उनका उत्पादन तथा मुनाफा कैसे बढ़ेगा, इस पर किसानों से चर्चा करेंगे.

संजीव कुमार, मशरूम उत्पादक उद्यमी, नालंदा ने कहा कि वे नौकरी को छोड़कर मशरूम का उत्पादन कर रहे हैं, जो कि बहुत ही पौष्टिक होता है. मशरूम उत्पादन में बिहार का प्रथम स्थान रहा है. यदि सरकार से सहायता प्राप्त हो तो यह कृषि के क्षेत्र में बहुत बड़ी अर्थव्यवस्था हो सकती है. उन्होंने सरकार से खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, विपणन एवं कोल्ड चेन लगाने हेतु अनुरोध किया. महेश मुखिया, मखाना उत्पादक किसान, दरभंगा ने कहा कि वे परम्परागत तरीके से मखाना की खेती कर रहे हैं. मखाना का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया जाना चाहिए, क्योंकि 30 जुलाई के पहले मखाना का मूल्य 35,000 रूपये प्रति क्विंटल था, जो 02 दिन के बाद 22,000 रूपये प्रति क्विंटल हो गया है. मखाना का उत्पादन उत्तरी बिहार में होता है, जो बाढ़ प्रभावित क्षेत्र है. बाढ़ आने पर मखाना का पौधा उखड़ जाता है एवं इसके साथ मखाना भी बह जाता है. उन्होंने मखाना फसल का बीमा करने का अनुरोध किया.

ललित कुमार, मूंग उत्पादक किसान, गया ने कहा कि वे गेहूँ फसल के बाद मूंग की खेती करते हैं और इससे अच्छा मुनाफा प्राप्त कर रहे हैं. मूंग में फली आने पर घोड़परास के द्वारा फसल को बरबाद कर दिया जाता है, जिससे बचाव का उपाय किया जाए. स्मिता सिंह, बेवीकॉर्न उत्पादक किसान, नालंदा ने कहा कि वे 05 साल से बेवीकॉर्न का उत्पादन कर रहे हैं. बिहार में इसका उत्पादन अच्छा हो सकता है और इसे नगदी फसल के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. मृत्युंजय कुमार, सारण, बीज उत्पादक किसान ने बताया कि वे सरसो बीज रोहित नाम से पेटेन्ट कराये हैं और 500 हेक्टेयर में इसकी खेती कर रहे हैं. किसानों को बीज उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया जाना है. ड्रोन से छिड़काव करने पर उत्पादन में 20-25 प्रतिशत की वृद्धि होती है. इसलिए ड्रोन का प्रयोग अधिक-से-अधिक हो, जिससे किसानों को ज्यादा मुनाफा प्राप्त हो सके.

सचिव, कृषि संजय कुमार अग्रवाल में केन्द्रीय मंत्री के समक्ष प्रस्तुतीकरण के माध्यम से भारत सरकार से राज्य में संचालित विभिन्न योजनाओं तथा भारत सरकार के संस्थानों से बिहार राज्य से संबंधित माँग की. उन्होंने कहा कि रबी, वर्ष 2024-25 में गेहूँ के 03 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसके लिए 10 हजार क्विंटल आधार बीज की आवश्यकता है. राज्य में संकर प्रभेद के बीज उत्पादन में भारत सरकार से सहयोग, आलू अनुसंधान केन्द्र से राज्य के किसानों को गुणवत्तायुक्त बीज की समुचित मात्रा उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया. उन्होंने राष्ट्रीय अनुसंधान केन्द्र में पूर्णकालिक निदेशक के पदस्थापन के साथ-साथ कृषि विज्ञान केन्द्रों के बुनियादी आधारभूत संरचना विकास के लिए भारत सरकार से आवंटन बढ़ाने का अनुरोध किया गया. साथ ही, बिहार में डी॰ए॰पी॰ उर्वरक के आवश्यकतानुसार आवंटन उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया.

केन्द्रीय मंत्री ने जल्द ही दिल्ली में बिहार में गुणवत्तायुक्त बीज से संबंधित सभी माँगों पर भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, बिहार राज्य में अवस्थित दोनों कृषि विश्वविद्यालय, बीज कम्पनियों तथा विभागीय पदाधिकारियों की बैठक आयोजित करने के साथ-साथ बिहार की सभी माँगों पर विचार करने का आश्वासन दिया.

English Summary: Union Agriculture Minister Shivraj Singh Chauhan said that Bihar will make India the leader of the world Published on: 27 August 2024, 02:30 PM IST

Like this article?

Hey! I am लोकेश निरवाल . Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News