Millet Fair: देश में मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार लगातार प्रयास कर ही है. इसी कड़ी में दिल्ली के वसंत कुंज में दो दिवसीय मिलेट मेले का आयोजन किया जा रहा है. इस मिलेट मेले को आसियान-भारत श्रीअन्न महोत्सव नाम दिया गया है, जिसका शुभारंभ गुरुवार (14 दिसंबर) को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री और जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा द्वारा किया गया. आसियान में भारतीय मिशन द्वारा कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के सहयोग से आयोजित दो दिवसीय इस महोत्सव में भारत सहित आसियान देशों के नीति-निर्माता, उद्यमी, विशेषज्ञ स्टार्टअप व अधिकारी भाग ले रहे हैं.
अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के अनुरूप, महोत्सव का उद्देश्य जागरूकता बढ़ाना और श्री अन्न एवं श्री अन्न आधारित उत्पादों के लिए वृहद बाजार स्थापित करना है. मेले का शुभारंभ करने के बाद महोत्सव में शरीक हुए विदेशी प्रतिनिधियों को संबोधित करते कृषि मंत्री ने कहा कि श्री अन्न किसानों, उपभोक्ताओं व पर्यावरण हेतु असंख्य लाभ प्रदान करते हैं एवं वैश्विक खाद्य पोषण सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं. उन्होंने श्री अन्न के उत्पादन व खपत को बढ़ावा देने के लिए सरकारी नीतियों और बाजार नवाचारों पर प्रकाश डालते हुए इसकी बढ़ी खपत से जुड़े सामाजिक-आर्थिक, पोषण और जलवायु संबंधी लाभों पर प्रकाश डाला.
कृषि मंत्री ने कहा कि यह कार्यक्रम श्री अन्न की जीवंतता और कृषि एवं पोषण को बदलने में उनकी अपार क्षमता को प्रतिबिम्बित करता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष 2023 के वृहद आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.इस ठोस प्रयास ने सीमाओं से बाहर निकलकर इस आयोजन को अद्वितीय महत्व के वैश्विक मील के पत्थर के रूप में तब्दील कर दिया है. टिकाऊ कृषि और पोषण सुरक्षा के बारे में प्रधानमंत्री मोदी की गहरी समझ, वैश्विक एजेंडे में श्री अन्न को सबसे आगे रखने में भारत की सक्रिय प्रगति के पीछे प्रेरणा शक्ति रही है.
उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष मनाना, खाद्य सुरक्षा और बेहतर पोषण सुनिश्चित करने के लिए श्री अन्न के बारे में जागरुकता पैदा करने में महत्वपूर्ण रहा है. इसने अनुसंधान और विकास के साथ विस्तार सेवाओं में निवेश को प्रेरित किया है, जो हितधारकों को श्रीअन्न की उत्पादकता, गुणवत्ता और संबंधित उत्पादन विधियों को बढ़ाने के लिए प्रेरित करता है. जलवायु परिवर्तन की वैश्विक चुनौतियों की स्थिति में श्रीअन्न की महत्ता और भी बढ़ जाती है. श्री अन्न प्राचीन अनाज है, जिसकी खासियत है कि ये छोटे होते हैं, लेकिन पौष्टिक होते हैं और शरीर को मजबूती प्रदान करते हैं खेती, जलवायु और भोजन-पोषण को सुरक्षित करने के लिए हमारे दृष्टिकोण में क्रांति लाने की शक्ति से श्रीअन्न परिपूर्ण हैं.
उन्होंने कहा कि हर मायने में सच्चे श्री अन्न न केवल समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के वाहक हैं, बल्कि एक ऐसा सतत समाधान भी पेश करते हैं, जो हमारी वर्तमान चिंताओं से मेल खाता है.जीरो हंगर, अच्छे स्वास्थ्य व कल्याण सतत उपभोग व उत्पादन और जलवायु कार्रवाई को शामिल करते निर्णायक सतत विकास लक्ष्यों को संबोधित करने की श्रीअन्न की क्षमता, उन्हें विकासशील देशों के लिए अपरिहार्य संसाधनों के रूप में रखती है. उन्होंने कहा कि श्री अन्न विविध वातावरण में पनपने की क्षमता रखते हैं, अधिकतम पोषण लाभ प्रदान करते हुए इनके लिए न्यूनतम संसाधनों की जरूरत होती है. श्री अन्न समय की कसौटी पर खरे उतरे, जिसमें नम्यता, अनुकूलनशीलता, आवश्यक पोषक तत्वों का खजाना शामिल है.
कृषि मंत्री ने आगे कहा कि भारत सरकार ने व्यापक अभियान प्रारंभ किए हैं और सबके समर्थन से कुपोषण से निपटने, जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने और सतत कृषि पद्धतियों को अपनाने को बढ़ावा देने के लिए श्रीअन्न को बेहतर समाधान के रूप में स्थापित किया है. कृषि मंत्रालय, श्री अन्न के संवर्धन को बढ़ावा देने और इनकी बढ़ती मांग पूरी करने के लिए सभी राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत मिलेट्स उप-मिशन सक्रिय रूप से कार्यान्वित कर रहा है. कृषि मंत्रालय ने विभिन्न मंत्रालयों व राज्यों के साथ मिलकर देश में श्री अन्न के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कई राज्य मिलेट मिशनों और परियोजनाओं का शुभारंभ हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है.
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