कृषि विज्ञान केन्द्र बडगांव बालाघाट मे प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम का शुभारंभ कृषि महाविद्यालय बालाघाट के अधिष्ठाता डॉ व्ही‐बी‐उपाध्याय के मुख्य आतिथ्य मे एवं डॉ‐उत्तम बिसेनसहा‐प्राध्यापक (उद्यान) डॉ‐शरद बिसेन सहायक प्राध्यापक (पौध प्रजनन) की उपस्थिति मे सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम के प्रारंभ में केन्द्र के वरिष्ट वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ आर. एल. राऊत ने प्रशिक्षण कार्यक्रम के विषय जीरो टिलेज उॅची क्यारी रोपण एवं अवशेष प्रबंधन के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की । ज्ञात हो कि प्रशिक्षण कार्यक्रम कृषि के अन्तराष्ट्रीय संस्थानबोरलागसंस्थान दक्षिण एशियाजबलपुर(बीसा) के द्वारा प्रायोजित किया जा रहा है ।
कार्यक्रम मे जिले के प्रत्येक विकास खण्ड से3चुने गये कृषको मित्रो का नामांकन किया गया है । मुख्य अतिथि डॅ़ा. व्ही‐बी‐उपाध्याय द्वारा बालाघाट जिले के परिपेक्ष्य में जीरो टिलेज सिधांत की उपयोगिता को विस्तार से समझाया साथ ही उंची क्यारी पधति से विभिन्न फसलो को लगाने का तरीका उत्पादन विधि की विस्तार से जानकारी प्रदान की । कृषि में अवशेष प्रबंधन के प्रमुख बिन्दुओ पर की अधिष्ठाता महोदय द्वारा जानकारी प्रदान की गयी । प्रशिक्षण के दौरान ड़ॅा उत्तम बिसेन द्वारा धान की खेती में जीरो टिलेज की उपयोगिता को विस्तार से समझाया। साथ ही जिले की कृषि में आने वाली समस्याओ का व्यवहारिक हल कृषक मित्रो को बताया। उद्यान वैज्ञानिक ड़ॅा शरद बिसेन द्वारा सब्जी उत्पादन फसलो में उंची क्यारी पद्धति द्वारा उत्पादन तकनीक एवं फल पौध उत्पादन तकनीक की विस्तार से जानकारी प्रदान की ।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में वरिष्ट वैज्ञानिक ड़ॅा.जी. एस. देशमुख द्वारा कृषि मशीनरी के उपयोग द्वारा कृषि उत्पादन बढ़ाने की विधियों का विस्तार से बताया। साथ ही कृषि मशीनो के रख रखाव की जानकारी को विस्तार से बताया । कार्यक्रम का संचालन केन्द्र के वरिष्ट अनुसंधान अध्येता डॉ सन्त कुमार शर्मा द्वारा किया गया एवं आभार प्रदर्शन डॉ. सतेन्द्र कुमार कृषि वैज्ञानिक द्वारा किया गया ।
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