महिला सशक्तिकरण के मुद्दे को भारत में आजादी के बाद से सही मायने में उठाया जाता रहा है. इस क्रम में भारत की केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारों ने भी कई योजनाएं चलाई हैं जिसका लाभ नि:संदेह महिलाओं को मिला है. हालांकि अभी लैंगिक समानता और स्वतंत्रता के क्षेत्र में महिलाओं का मीलों चलना बाकी है लेकिन इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि महिलाओं को सरकारी योजनाओं का लाभ धीरे-धीरे ही सही लेकिन प्रभावी रूप से मिल रहा है. चलिए आज आपको कुछ ऐसी योजनाओं से अवगत कराते हैं जो विशेष रूप से भारत की ग्रामीण महिलाओं के लिए लाभकारी सिद्ध हो रही हैं.
- सुकन्या समृद्धि योजना
बेटियों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना में माता-पिता को बेटी के 14 वर्ष के होने तक हर माह 1,000 रुपए जमा कराने हैं. बेटी के 21 वर्ष के होने पर पूरे पैसे 8.1% ब्याज दर के साथ वापस मिलेंगे. हालांकि बेटी के 18 वर्ष के होने पर भी माता-पिता 50% पैसा उच्च शिक्षा या विवाह के लिए निकाल सकते हैं.
- सबला योजना
सबला योजना के अंतर्गत महिलाओं को पोषण, आयरन एवं फॉलिक एसिड प्रतिपूरक, स्वास्थ्य जांच तथा रेफ़रल सेवाएं मिलने का नियम है. 16 वर्ष एवं इससे अधिक आयु की लड़कियों को राष्ट्रीय कौशल विकास कार्यक्रम के अंतर्गत व्यावसायिक प्रशिक्षण भी दिया जाता है. - इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना
इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं को 6 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी जाती है. इस योजना का लाभ लेने के लिए गर्भवती महिला की उम्र 19 वर्ष या उससे अधिक होनी ज़रूरी है. योजना का लाभ केवल 2 संतानों के लिए ही है. अच्छी बात यह है कि योजना सभी महिलाओं के लिए है.
- उज्ज्वला योजना
इस योजना को केंद्र की मोदी सरकार ने देश की महिलाओं को स्वच्छ ईंधन प्रदान करने के लिए चलाया है. योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे (BPL) की महिलाओं को नि:शुल्क रसोई गैस कनेक्शन दिया जाता है. - वन स्टॉप सेंटर
इस स्कीम के अंतर्गत हिंसक घटनाओं की शिकार हुई महिलाओं को सहारा देते हुए सरकार ‘निर्भया’ फंड से सहायता प्रदान करती है. योजना के तहत हिंसा की शिकार हुई महिलाओं को पुलिस डेस्क, कानूनी, मेडिकल सर्विस आदि सहायता एक ही स्थान पर मिलती है. इस योजना के लिए एक टोल फ्री हेल्पनलाइन नंबर- 181 भी जारी किया गया है.
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