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लॉकडाउन होने के बाद भी यह महिला तरबूज की खेती से कमा रही है मुनाफा

कोरोना वायरस के कारण देशभर में लागू लॉकडाउन की वजह से अर्थव्यवस्था पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. इसमें सबसे ज्यादा नुकसान ग्रामीण इलाकों में होने की आशंका है जहां किसान सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं. इन दिनों किसानों को हो रही समस्याओं की खबरें लगातार सुनने को मिल रही हैं, कहीं किसान की फसल क्षति तो कहीं फसल न बिक पाने की.

आदित्य शर्मा

कोरोना वायरस के कारण देशभर में लागू लॉकडाउन की वजह से अर्थव्यवस्था पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. इसमें सबसे ज्यादा नुकसान ग्रामीण इलाकों में होने की आशंका है जहां किसान सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं. इन दिनों किसानों को हो रही समस्याओं की खबरें लगातार सुनने को मिल रही हैं, कहीं किसान की फसल क्षति तो कहीं फसल न बिक पाने की. लेकिन, कई ऐसे किसान भी हैं जो इन दिनों अपनी सफलता की कहानियां गढ़ रहे हैं. झारखंड के पोडै़याहाट प्रखंड के सरविधा गांव में रहने वाली महिला किसान रंभा देवी गांव से आधा किलोमीटर दूर खेतों में मचान लगाकर तरबूज की फसल की रखवाली कर रही हैं. रंभा देवी को उम्मीद है कि इस बार तरबूज से उन्हें लगभग देढ़ लाख रुपए का लाभ होगा. उन्हें ज्यादा परेशानी इसलिए नहीं हो रही है क्योंकि व्यापारी उनसे तरबूज लेने के लिए उनके खेतों में ही पहुंच रहे हैं.

रंभा देवी, महिला स्वयं सहायता समूह में लखपतिया किसान के नाम से जानी जाती हैं. रंभा देवी क्षेत्र के अन्य किसानों के मुकाबले अपनी तरबूज की फसल से काफी खुश हैं. उनका मानना है कि आज के समय में कई लोग बाहर फसे हैं जिससे उन लोगों को काफी परेशानियों का सामना भी करना पड़ रहा है. इसलिए अगर अपने क्षेत्र में रहकर खेती की जाए तो इससे काफी लाभ मिल सकता है. वो कहती हैं कि उनकी जीविका खेती पर निर्भर होने के कारण आज उनके पति व बच्चे उनके साथ हैं नहीं तो शायद उनको भी बाहर काम के लिए जाना पड़ता.

खेती से मिली नई राह :

रंभा देवी गांव पूरे गांव में एसी पहली महिला हैं जिन्होंने खेती में सफलता पाकर दूसरों को भी कृषि में नई राह दिखाई. खेती कि शुरुआत करने के लिए रंभा “मां तारा महिला मंडल समूह” से सदस्य के रूप में जुड़ीं. उसके बाद वो अपने पति के साथ मिलकर कई जगह कृषि का प्रशिक्षण लिया और उसी अनुरूप पहले अपने खेतों में ,फिर दूसरे से जमीन लीज लेकर खेती करना प्रारंभ किया. रंभा ने खेती में कई उपयोग किए हैं. शुरुआत में रंभा ने तरबूज से लगभग 55 हजार कि आमदनी की. उसेक बाद उसने 18 कट्ठा जमीन पर फूलों की खेती करके लगभग 40 हजार की आमदनी की. उसी वर्ष रंभा ने ओल और मशरूम का उत्पादन कर 25 हजार रुपए की आमदनी भी की. लेकिन रंभा का अनुमान है कि वो इस बार अपने डेढ़ बीघा की खेती से 4 गुना तक का मुनाफा कर सकती हैं. रमजान को लेकर तरबूज की मांग इस वक्त बढ़ी हुई है जिससे उनको मुनाफा हो सकता है.

स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं के लिए बनीं प्रेरणा

रंभा को देख क्षेत्र की अन्य महिलाएं भी अब तरबूज की खेती कर रही हैं. उनका मानना है कि लॉकडाउन की वजह से उन्हें सही रेट मिलने में थोड़ी दिक्कत आ रही है लेकिन फिर भी उन्हें दोगुना मुनाफा होने की उम्मीद है.

English Summary: This women farmer of jharkhand is earning profit while lockdown through watermelon farming Published on: 01 May 2020, 05:12 PM IST

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