कोरोना काल से देश की अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान पहुंचा है. देश में इन दिनों किसानों की मेहनत से कृषि क्षेत्र नुकसान से उबरने में सफल रहा है. देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए इन दिनों कृषि क्षेत्र को काफी बढ़ावा दिया जा रहा है. इसमें कई राज्यों ने अगल-अलग तरीकों से किसानों को लाभ देने के लिए कई प्रकार की योजनाएं शुरू की गई. किसानों को प्रोत्साहन के तौर उन्हें नुकसान से उबारने के लिए अनुदान भी दिया गया. यह ही नहीं कोरोना से लौटे प्रवासी मजदूरों को कृषि के जरिए जोड़कर उन्हें रोज़गार भी मुहैया कराया गया.
किसानों को लाभ देने के लिए बिहार सरकार द्वारा ऐसे ही एक सब्सिडी प्लान शुरू किया जा रहा है. इसमें यदि कोई व्यक्ति राज्य में ही कृषि आधारित उद्योग लागाता है तो उसे 15 से 30% तक कैपिटल सब्सिडी दिया जाएगा. इसमें अनुदान के लिए अधिकतम 5 करोड़ रुपये तक की राशि निर्धारिकत की गई है. यह सुविधा कृषि आधारित 7 सेक्टरों में उद्योग लगाने पर दिया जाएगा. इसमें मखाना, फल -सब्जी, चाय, मक्का, शहद, बीज और औषधीय व सुगंधित पौधा के उत्पादन के साथ इसके प्रोसेसिंग उद्योग शामिल हैं.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में कुल 49 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई. इनमें कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति-2020 व बिहार काष्ठ आधारित उद्योग निवेश प्रोत्साहन नीति-2020 का अंतर्गत साशि दिया जाएगा. किसी व्यक्ति को कृषि आधारित उद्योग लगाने के लिए 15% कैपिटल सब्सिडी दिया जाएगा. वहीं किसी भी किसान उत्पादक समूह (एफपीओ) के लिए यह राशि 25% निर्धारित किया गया है. इसमें 5 % अतिरिक्त अनुदान ऐसे व्यक्तियों को मिलेगा जो एससी, एसटी ओबीसी वर्ग से आते हैं.
वहीं बिहार सरकार ने कोराना काल में मरीजों की सेवा में लगे मेडिकल के स्नातकोत्तरक के छात्र और एमबीबीएस के इन्टर्नस को भी एक माह के मानदेय के बराबर प्रोत्साहन राशि देने की बात कही है. इसकी मंजूरी मंगलवार को मंत्रिपररिषद ने दी. इसके लिए 8 करोड़ संभावित राशि खर्च की जाएगी. मानदेय का आधार 01 अप्रैल 2020 का होगा.
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