राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगना और मिजोरम विधानसभा चुनाव में मिले परिणामों से सबक लेकर सभी राजनितिक पार्टियां लोकसभा चुनाव से पहले किसानों को साधने की जुगत में है. इसी कड़ी में पंजाब सरकार ने 'किसान कर्ज राहत योजना' के तहत राज्य के चार जिलों के 1,09,730 सीमांत किसानों को वाणिज्यिक बैंकों के 1,771 करोड़ रुपये के कर्ज की राहत दी है. इसके साथ ही 2.5 से 5 एकड़ जमीन वाले किसानों को भी इस लाभ को देने का एलान किया गया हैं.
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि यह राशि सीधे व्यापारिक बैंकों के द्वारा सीमांत किसानों के खातों में डाली जाएगी. इस प्रक्रिया को बहुत जल्द पूरा कर लिया जाएगा. उन्होंने इस दौरान कर्जा माफी के अगले चरणों में जमीन से वंचित मज़दूरों का भी कर्ज़ा माफ करने के प्रति वचनबद्धता जाहिर की.
बता दें, सीएम ने कहा है कि सारे सीमांत किसानों का दो लाख रुपये तक का कर्जा माफ किया जाएगा. इसी तरह ही दो लाख रुपये तक का कर्जा उठाने वाले छोटे किसानों को भी यही राहत मिलेगी. उन्होंने कहा कि पहले पड़ाव में सहकारी बैंकों के 3.18 लाख सीमांत किसानों का 1815 करोड़ रुपये का कर्जा माफ किया गया है और आज के राज्यस्तरीय समागम में व्यापारिक बैंकों के 1.09 लाख सीमांत किसानों को 1771 करोड़ रुपये की कर्जा राहत दी गई है.
गौरतलब हैं कि राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में हुई हार से सबक लेकर भाजपा भी आगामी लोकसभा चुनाव से पहले देशभर के सभी किसानों की कर्जमाफी करके सभी किसानों को साधने की जुगत में है. सरकारी सूत्रों के हवाले से बुधवार को कई मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि मोदी सरकार देशभर में 26.3 करोड़ किसानों का 4 लाख करोड़ रुपए का कर्ज माफ करने की तैयारी में है,हालांकि भाजपा सरकार ने इन दावों का खंडन किया है.
विवेक राय, कृषि जागरण
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