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मशरूम की नई प्रजाति से बच्चों से दूर होगी कुषोषण की समस्या

अगर आपके बच्चे को कुपोषण और वायरल बुखार है तो उससे बचने के लिए उत्तर प्रदेश के कानपुर में चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने मशरूम की नई प्रजाति को तैयार करने का कार्य किया है. उन्होंने एक मशरूम की एक उन्नत प्रजाति में पौधों से निकलने वाले दो विशेष

किशन

अगर आपके बच्चे को कुपोषण और वायरल बुखार है तो उससे बचने के लिए उत्तर प्रदेश के कानपुर में चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने मशरूम की नई प्रजाति को तैयार करने का कार्य किया है. उन्होंने एक मशरूम की एक उन्नत प्रजाति में पौधों से निकलने वाले दो विशेष तरह के हार्मोन के सहारे मशरूम के पौष्टिक और उसके औषधीय गुणों को आसानी से बढ़ा दिया है.

मशरूम में मौजूद कई गुणकारी तत्व

मशरूम को गेहूं के भूसे और गन्ने की खोई पर विभिन्न तरह के तापमान देकर और आर्दता देकर उगाया गया है. आज उनके द्वारा इस प्रजाति को तैयार होने में मात्र 25 दिनों का वक्त लग रहा है. इसकी नई प्रजाति अधिक दिनों तक टिकाऊ होती है. साथ ही मशरूम में रोग लगने की संभावना नहीं होती है. वैज्ञानिकों का कहना है कि पौधों से निकलने वाले दो हार्मोन इंडोल एसिटिक एसिड और जिबरिलन की मदद से मशरूम की नई प्रजाति में विटामिन, एंटी ऑक्सीडेंट, विभिन्न तरह के एंजाइम और विभिन्न तरह के रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले तत्व बढ़ाने में कामयाबी मिली है. यह तत्व बीमारियों खासतौर से रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने और वायरस संक्रमण से बचाने को बेहतर साबित हो रहे है. मशरूम की इस प्रजाति पर लगातार चार वर्षों तक शोध हुआ है.

मशरूम है काफी उपयोगी

मशरूम की प्रजाति पूरी तरह जैविक और सुरक्षित है. कुपोषण से दूर करने के लिए बच्चों को इसको नियमित रूप से दिया जाना चाहिए. गंभीर और लंबे समय से बीमारियों से पीड़ित मरीजों क्योंकि प्रोटीन और खनिज तत्वों, कार्बोहाइट्रेड, फोलिक एसिड आयरन, सोडियम आदि की संतुलित मात्रा मिल रही है. अन्य मशरूम की प्रजातियों की तुलना में इसमें पानी की मात्रा भी कम ही है.

मशरूम के शोध पर बातें

मशरूम के शोध पर पता चला है कि इसके सेवन से प्रोसेस्ट और ब्रेस्ट कैसंर से बचाव होता है. इसमें बीटा ग्लूकोन और कंजुगेट लानोलिक एसिड होता है जो कि एक एंटी करसीजिक का प्रभाव छोड़ता है. मशरूम की नई प्राजति इसके लिए काफी ही बेहतर साबित होगी. अस्पातालों और आंगनबाड़ी केंद्रों से मशरूम का प्रचार प्रसार किया जाना चाहिए. बता दे कि मशरूम में कम मात्रा में कार्बोहाइट्रेड होते है और यह जल्दी शुगर लेवल आदि को नहीं बढ़ने देता है.

English Summary: This new species of mushroom will be eliminated by malnutrition Published on: 26 July 2019, 06:48 PM IST

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