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लॉकडाउन में बढ़ा नौकरियों का फर्जीवाड़ा, ग्रामीण युवा आसानी से हो रहे हैं शिकार

लॉकडाउन की मार के कारण लाखों की तादाद में लोग बेरोजगार हुए हैं. छोटे व्यापारियों, कामगारों, मजदूरों एवं श्रमिकों के लिए घर में चूल्हा जलाना भी मुश्किल हो गया है. लेकिन मार्केट में एक अलग ही तरह का खेल चल रहा है. लोगों की जरूरतों को देखते हुए रोजगार का फर्जीवाड़ा शुरू हो गया है.

सिप्पू कुमार
Hiring

लॉकडाउन की मार के कारण लाखों की तादाद में लोग बेरोजगार हुए हैं. छोटे व्यापारियों, कामगारों, मजदूरों एवं श्रमिकों के लिए घर में चूल्हा जलाना भी मुश्किल हो गया है. लेकिन मार्केट में एक अलग ही तरह का खेल चल रहा है. लोगों की जरूरतों को देखते हुए रोजगार का फर्जीवाड़ा शुरू हो गया है.

लॉकडउन में बढ़ा नौकरियों का फर्जीवाड़ा

पिछले तीन महीनों में अचानक ही नौकरियों के फर्जीवाड़े का ग्राफ तेजी से बढ़ा है. लोगों को तरह-तरह से ठगा जा रहा है. चलिए आज हम आपको बताते हैं कि किस तरह से भोले-भाले लोगों के साथ फ्रॉड किया जा रहा है.

इस तरह होती है ठगी

नौकरी के नाम पर ठगी किसी के साथ भी हो सकती है, लेकिन अपराध के औसत आकंड़ों पर नजर डाला जाए, तो पता लगता है कि छोटे शहरों या ग्रामीण तबके के युवा इसके शिकार आसानी से हो जाते हैं. इसके अलावा अक्सर फ्रेशर या 1 से दो साल के कार्य अनुभवी युवाओं को ये फंसाने की कोशिश करते हैं.

यहां से चोरी होता है डेटा

डेटा चोरी का खेल अरबों-खरबों रूपयों का है और यकिन सूचना के इस युग में जानकारी निकालना सबसे आसान काम है. आपको नौकरी की तलाश है, इसकी जानकारी सबसे आसानी से तो जॉब पोर्टल से ही लग जाती है, जहां आपने अप्लाई किया हुआ है.

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ऐसे फेंका जाता है जाल

आपके पास फर्जी नौकरी का झांसा किसी भी रूप में आ सकता है. आज-कल प्राय मोबाइल पर एसएमएस या ई-मेल के जरिए नौकरी देने का रैकेट चल रहा है. नौकरी के बहाने ये लोगों से सिक्योरिटी डिपॉजिट या इंटरव्यू फीस आदि के पैसे मांगते हैं.

फर्जीवाड़े की पहचान

अगर आपको किसी कंपनी से कॉल या ई मेल आया है, तो इस कंपनी के अधकारिक नंबर या ई-मेल पर संपर्क कर, जानने की कोशिश करें कि क्या सत्य में ऐसा कोई आवेदन मांगा गया है.आम तौर पर किसी भी नौकरी में सिक्योरिटी डिपॉजिट या इंटरव्यू के लिए पैसे नहीं लिए जाते हैं. अगर आपसे पैसा मांगा जा रहा है, तो आप रसीद मांगना न भूलें. ध्यान रहे कि पैसों या कॉन्ट्रैक्ट से जुडी हर तरह  की बात लिखित में हो.

लुभावने जॉब ऑफर से सावधान

अगर कोई कंपनी आपको 70-80 प्रतिशत इंक्रीमेंट के साथ नोकरी पर रखने की बात करती है, तो उसके फेक होने की संभावना प्रबल है. अगर बिना औपचारिक इंटरव्यू के ऑफर लेटर दिया जा रहा है, तो ये भी फर्जी नौकरी के लक्षण हैं.

(आपको हमारी खबर कैसी लगी? इस बारे में अपनी राय कमेंट बॉक्स में जरूर दें. इसी तरह अगर आप पशुपालन, किसानी, सरकारी योजनाओं आदि के बारे में जानकारी चाहते हैं, तो वो भी बताएं. आपके हर संभव सवाल का जवाब कृषि जागरण देने की कोशिश करेगा)

English Summary: this is how you can recognise a fake job offer know more about it Published on: 21 June 2020, 10:46 AM IST

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