12वीं की परीक्षा खत्म होने के बाद इस समय एडमिशन का दौर शुरू हो गया है . अखबार, टीवी, सोशल मीडिया आदि पर स्कूलों और विश्वविद्यालयों के विज्ञापनों की भरमार है. कोई संस्थान अपने चमचमाते कैंपस दिखा रहा है, तो कोई वर्ल्ड क्लास फैसिलिटी देने का दवा कर रहा है, कोई खुद को शिक्षा के क्षेत्र में नंबर एक बता रहा है, तो कोई 100 प्रतिशत प्लेसमेंट की बात कह रहा है. इन विज्ञापनों को देखकर हो सकता है कि आपको यह समझ नहीं आ रहा हो कि सबसे अच्छा कॉलेज कौन सा है. अगर आप भी इसी असमंजस में हैं कि कहां से अपने करियर की शुरूआत करनी चाहिए, तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है -
आलिशान कैंपस नहीं है अच्छे शिक्षा का पैमाना
दरअसल आपको सबसे पहले तो यह बात समझने की आवश्यकता है कि शिक्षा के लिए चमचमाते बड़े-बड़े कैंपसों की आवश्यकता ही नहीं है, तो इसलिए इस बात से विशेष फर्क नहीं पड़ता कि आप जिस संस्थान को चुनने जा रहे हैं, वो कितने एकड़ में फैला हुआ है. हां आप जरूर इस बात पर गौर करें कि क्या बूनियादी सुविधाएं जैसे क्लासेज़, प्ले ग्राउंड,लैब्स, कॉन्फ्रेंस हॉल आदि की सिथ्ती क्या है.
जांच ले संस्थान की प्रमाणिकता
किसी भी कॉलेज को चुनते समय यह जरूर जांच ले कि क्या वह संस्थान राज्य या केंद्र सरकार से प्रमाणित है. क्या वह यूजीसी से एफिलेटिड है और NAAC ने उसे कोई ग्रेड दिया है. आपको यह भी जांच लेना चाहिए कि जिस विशेष कोर्स के लिए आप एडमिशन लेने जा रहे हैं, उसे चलाने की अनुमति संस्थान को कहां से मिली है.
डीजे नाईट नहीं है पर्सनालिटी डेवलपमेंट
एडमिशन लेने से पहले संस्थान से यह जरूर पूछे कि पर्सनालिटी डेवलपमेंट के लिए वहां किस तरह के ट्रिप, वर्कशॉप, सेमिनार, फेस्ट, आदि होते हैं. आप सवाल जरूर करें कि पढ़ाई के अलावा स्पोर्ट्स, कल्चरल एक्टिविटीज आदि में यहां किस तरह आगे बढ़ने के मौके हैं. ध्यान रहे कि डीजे नाईट केवल मनोरंजन भर के लिए है.
कहीं भ्रामिक तो नहीं है स्कॉलरशिप
आजकल अधिकांश प्राइवेट कॉलेज़ एडमिशन बढ़ाने के लिए स्कॉलरशिप का लॉलीपॉप बच्चों को थमातें हैं. अभिभावक भी यह सोचकर बच्चों का एडमिशन करा देतें हैं कि यहां फीस कम है. लेकिन कम फीस या स्कॉलरशिप के चक्कर में ना आकर आपको यह सवाल करना चाहिए कि बेहतर करियर की कितनी संभावनाएं यह संस्थान देने में सक्षम है.
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