चंबल का नाम सुनते ही आपके दिमाग में डाकू और घोड़े तो नहीं दिखाई देने लगते हैं। अगर देते भी हैं तो कोई बात नहीं यह सभी के लिए आम बात है। लेकिन आद हम आपको बताएंगे की चंबल के बात करना क्यों जरूरी है। मध्य प्रदेश का इलाका आज तेजी से बीहड़ में बदल रहा है। और जो इलाका बीहड़ में तब्दील था उसके अब रेगिस्तान में तब्दिल होने का खतरा मंडरा रहा है। हाल ही में मौसम विभाग ने एक रिपोर्ट पेश करके आशंका जताई है की यदि यही स्थिती रही तो पूरा इलाका रोगिस्तान में तुब्दिल हो सकता है। वहीं इसके बारे में यह भी कहा गया है इसका असर समूचे उत्तर व मध्य भारत पर पड़ेगा।
ऐसा इसलिए हो रहा है हो रहा है क्योंकि यहां के इलाके में बारिश कम हो रही है और तापमान धिरे-धिरे बढ़ता जा रहा है। अगर आंकड़ों की बात करें तो चंबल वाले इलाके में पिछले 35 सालों से हुई बारिश में लगभग 100 मिसी तक की कमी दर्ज की गई है। वहीं यहां के तापमान में लगभग 2 से 3 डीग्री की बढ़ोतरी हुई है। जहां कुछ वर्षों के पहले यहां का तापमान गर्मियों में 44 होता था अब वह 45- 47 के करीब हो चुका है। मौसम विभाग ने शोध में कहा है कि अगर यही स्थिति रही तो इस इलके को रेगिस्तान में बदलने से बचाना मुश्किल होगा। पिछले कुछ सालों में यहां की करीब 50 फीसद कृषि भूमि बीहड़ में बदल गई है और मुरैना, भिंड और श्योपुर जिले के 1050 गांवों ने अस्तित्व खो दिया है।
वहीं कुछ एक्सपर्ट बताते हैं आगे आनै .वाले समय में यह स्थिति और भयंकर रूप ले लेगी। 2050 तक इल इलाके का अस्तित्व को भी खतरा है । इस विषय पर गंभीरता से सोचने की जरूरत है।
Share your comments