प्रमुख कृषि रसायन फर्म धानुका समूह के अध्यक्ष आर जी अग्रवाल ने कीटों और उनसे होने वाली बीमारियों के कारण सालाना कम से कम 8 लाख करोड़ रुपये की फसल के नुकसान पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि किसानों द्वारा विशुद्ध कीटनाशकों के उपयोग को बढ़ावा देने और नकली उत्पादों की बाजार में बिक्री पर अंकुश लगाने की आवश्यकता है.
उन्होंने कहा कि कीटों और बीमारियों से उत्पादन में होने वाली हानि को कम करके विभिन्न फसलों की उत्पादकता में वृद्धि की जा सकती है. अग्रवाल ने कहा कि भारतीय कृषि में नकली कीटनाशकों की बड़े पैमाने पर बिक्री, उत्पादन हानि और वैश्विक औसत से कम फसल उपज के प्रमुख कारणों में से एक है. एक अंतरराष्ट्रीय अध्ययन का उल्लेख करते हुए धानुका एग्रीटेक के अध्यक्ष ने बताया कि वैश्विक कीटनाशकों का कुल बाजार 80 अरब डॉलर है जिसमें अवैध कीटनाशकों की हिस्सेदारी 10-25 प्रतिशत होने का अनुमान है. भारत में भी अग्रवाल ने कहा कि नकली और गलत ब्रांड वाले उत्पादों की बिक्री घरेलू कृषि रसायन उद्योग के विकास में बाधा बन रही है.
उन्होंने कहा, "कृषि रसायनों का यह अवैध बाजार किसानों, उद्योग, सरकार और पर्यावरण को प्रभावित कर रहा है साथ ही नकली कीटनाशकों के उपयोग से मिट्टी की उर्वरता बुरी तरह प्रभावित होती है. अग्रवाल ने सभी हितधारकों के हितों की रक्षा के लिए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आह्वान किया. उन्होंने सुझाव दिया कि केंद्र सरकार को अवैध व्यापार को खत्म करने के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ मिलकर एक राष्ट्रीय अभियान शुरू करना चाहिए. साथ ही, नकली उत्पादों के उपयोग के दुष्प्रभावों के बारे में किसानों में जागरूकता पैदा करने के लिए एक राष्ट्रीय अभियान भी चलाया जाना चाहिए. उन्होंने आश्वासन दिया कि कृषि उद्योग के इस खतरे को दूर करने के लिए शुरू किये गए राष्ट्रीय अभियानों में कई लोग शामिल होने की चाहत रखते हैं.
अग्रवाल ने कहा, "कई कंपनियां नकली, मिलावटी, गलत ब्रांडेड और नकली कृषि रसायन बेचने में शामिल हैं, जिसके लिए उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए." उन्होंने किसानों को कीटनाशक खरीदते समय सही बिल लेने की सलाह दी. अपनी ओर से अग्रवाल ने कहा कि कंपनी ने 'जागो किसान जागो' एक अभियान शुरू किया है, जो किसानों को नकली उत्पादों के खतरों और उन्हें दूर करने के तरीकों के बारे में शिक्षित करने के लिए एक पहल है. अध्यक्ष ने कहा कि, देश की बढ़ती जनसंख्या के बीच खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कृषि उत्पादन को बढ़ाने की आवश्यकता है.
किसानों को फसलों की उत्पादकता और उत्पादन में बढ़ोतरी के लिए उचित दरों पर बीज, उर्वरक और कीटनाशक जैसे अच्छी गुणवत्ता वाले इनपुट देने चाहिए. अग्रवाल ने इस बात पर भी जोर दिया कि भारतीय कृषि में नई तकनीकों को अपनाने की जरूरत है जो इनपुट लागत को कम करने और उत्पादन में सुधार करने में सहायता कर सकती हैं.
उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि कृषि क्षेत्र में कीटनाशकों के छिड़काव के अलावा विभिन्न गतिविधियों के लिए भी ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है, लेकिन उन्होंने महसूस किया कि सार्वजनिक निजी भागीदारी के माध्यम से इसे बड़े पैमाने पर बढ़ावा दिया जाना चाहिए.
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