देश के किसानों को खेती-बाड़ी संबधित नई-नई तकनीकों की जानकारी देना एवं उनको खेती से जुड़े सभी कार्यों में सहायता प्रदान हेतु कृषि जागरण जय किसान, जय विज्ञान सप्ताह आयोजित कर रहा है. इसी कड़ी में आज यानि 28 दिसम्बर को कृषि जागरण ने एक वेबिनार आयोजित किया है. इसका विषय Accelaeration Of Mechanization In Agriculture था. यानि की कृषि में मशीनीकरण में तेजी. इस वेबिनार में कई बड़े वैज्ञानिक शामिल रहे.
किन प्रतिभागियों ने लिया हिस्सा (Which Participants Took Part)
इस वेबिनार में मुख्य अतिथि के रूप में कृषि जागरण के फाउंडर और एडिटर इन चीफ एमसी डोमनिक (Founder and Editor-in-Chief MC Dominic) मौजूद थे. इसके साथ ही प्रोग्राम में चार चांद लगाने के लिए पंजाब के प्रोग्रेसिव फार्मर गुरप्रीत सिंह, सीसीएस हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय ( Ccs Hariyana Agriculture University) के डायरेक्टर डॉ. मुकेश जैन, पंकज झा जो की गैसपार्डो समूह (Gaspardo Group) के हेड थे. इसके अलावा प्राईम यूवा के मैनेजिंग डायरेक्टर प्रदीप पटेल भी शमिल थे. वहीं, सीनियर साईंटिस्ट भोपाल के सी.पी सावंत (CP Sawant) एवं वेस्ट बंगाल के सीएसआईआर (CSIR) के डॉ. प्रदीप रंजन ने भी भाग लिया.
इस वेबिनार में सभी वैज्ञानिकों ने कृषि क्षेत्र में मशीनीकरण का उपयोग और उसकी जरुरत पर चर्चा की. इस दौरान गुरप्रीत सिंह चर्चा में कहा कि किसानों के लिए कृषि यंत्र बहुत महत्वपूर्ण यन्त्र है. इसकी सहायता से किसान आसानी से खेती के कार्य कर सकते हैं एवं अच्छा मुनाफा भी कमा सकते हैं. वहीँ वेबिवार को आगे बढ़ाते हुए डॉ. मुकेश जैन ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि किसानों के लिए कृषि यन्त्रों पर सब्सिडी बहुत जरुरी है, कुछ ऐसे छोटे सीमांत किसान हैं, जो कृषि यन्त्र की खरीद नहीं कर सकते हैं. उनकी सुविधा के लिए कृषि यंत्रों पर सब्सिडी देनी चाहिए. इसके साथ ही पराली से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए पराली न जलाने को बोला.
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इसके साथ ही प्रदीप पटेल ने भी टिड्डी से फसलों पर हमला होने की बात कही. उन्होंने कहा की ड्रोन तकनीक के माध्यम से हम फसलों में अच्छे छिड़काव कर सकते हैं. ड्रोन तकनीकों कृषि यंत्र किसानों के लिए काफी लाभदायी है. इसी तरह सभी सह भागियों ने कृषि में मशीनीकरण पर अपने अपने विचार व्यक्त किये.
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