कोरोना वायरस के अलावा किसान इस महीने में बेमौसम वर्षा और ओलावृष्टि की मार भी झेल रहा है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने किसानों की इस समस्या को देखते हुए एक अहम फैसला लिया है. मुख्यमंत्री ने मंगलवार को एक समीक्षा बैठक बुलाई. इस बैठक में उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, कृषि मंत्री प्रेम कुमार,प्रधान सचिव वित्त एस. सिद्धार्थ, सचिव कृषि एन. सरवन कुमार जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा, आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय, मुख्य सचिव दीपक कुमार, प्रधान सचिव आपदा प्रबंधन प्रत्यय अमृत मौजूद थे.
इस समीक्षा बैठक में साल 2020 के महीने में हुई असामयिक वर्षा/ओलावृष्टि से होने वाली फसल क्षति पर बड़े पैमाने पर चर्चा हुई. कृषि विभाग की तरफ से इस बैठक में दलील रखी गई कि उन्होंने फसल क्षति का सर्वेक्षण किया है. इस सर्वेक्षण में पाया है कि असामयिक वर्षा/ओलावृष्टि से 3,84,016.71 हेक्टेयर क्षेत्र में 33 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति हुई है. बता दें ,किसी भी सरकार द्वारा आपदा राहत मापदंड के अनुरूप 33 प्रतिशत से ज्यादा फसल क्षति होने पर 13,500 (तेरह हजार पांच सौ रुपये) प्रति हेक्टेयर तक सब्सिडी देय है.
इस बैठक में मुख्यमंत्री ने प्रभावित किसानों को फसल क्षति के भुगतान के लिए 518.42 करोड़ रुपये की स्वीकृति दे दी है . स्वीकृति देने के साथ ही मुख्यमंत्री ने कृषि सचिव को निर्देश दिया कि स्वीकृत राशि जल्द किसानों के खातों में डायरेक्ट बेनीफिट के माध्यम से भेज दी जाए. सरकार को उस बात का भी एहसास कराया कि इस समय किसान प्रकृति के अलावा कोरोना की मार भी झेल रहा है. इस स्थित में किसान को सहायता की सबसे ज्यादा जरूरत है.
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