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Kisan Nyay Yojana: किसानों के खाते में 20 अगस्त को आएगी योजना की दूसरी किस्त, पढ़िए अन्य ज़रूरी जानकारी

छत्तीसगढ़ की सरकार ने किसानों के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना लागू कर रखी है. इसका नाम राजीव गांधी किसान न्याय योजना है. इसके तहत किसानों को खरीफ की धान, मक्का और गन्ना जैसी फसलों पर अधिकतम 10 हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से सहायता राशि दी जाती है. बता दें कि इस योजना की शेष 2 किस्तों का भुगतान आने वाले समय में किया जाएगा. पहली किस्त 21 मई को दी जा चुकी है, जबकि दूसरी किस्त का भुगतान 20 अगस्त को होगा. इसके अलावा 2020-21 में होने वाली धान खरीदी और अंतर की राशि देने का फैसला कैबिनेट में तय किया जाएगा.

कंचन मौर्य

 

छत्तीसगढ़ की सरकार ने किसानों के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना लागू कर रखी है. इसका नाम राजीव गांधी किसान न्याय योजना है. इसके तहत किसानों को खरीफ की धान, मक्का और गन्ना जैसी फसलों पर अधिकतम 10 हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से सहायता राशि दी जाती है. बता दें कि इस योजना की शेष 2 किस्तों का भुगतान आने वाले समय में किया जाएगा. पहली किस्त 21 मई को दी जा चुकी है, जबकि दूसरी किस्त का भुगतान 20 अगस्त को होगा. इसके अलावा 2020-21 में होने वाली धान खरीदी और अंतर की राशि देने का फैसला कैबिनेट में तय किया जाएगा.

कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे का कहना है कि इस सीजन के लिए सरकार ने तैयारियां पूरी कर ली हैं. धान बेचने के लिए पंजीयन 17 अगस्त से 31 अक्टूबर तक होगा. इसके साथ ही गिरदावली का काम 1 अगस्त से 20 सितंबर किया जाएगा. माना जा रहा है कि इस साल 85 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है. बता दें कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत खरीफ मौसम के लिए धान, मक्का, सोयाबीन, मूंगफली, तिल, अरहर, मूंग, उड़द, कुलथी, रामतिल, कोदो, कुटकी, रागी और रबी में गन्ना फसल को शामिल किया गया है.

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किसानों को पंजीकरण कराने की जरूरत नहीं

पिछले खरीफ सीजन में 19 लाख 55 हजार किसानों ने पंजीकरण कराया था. इसमें पंजीकृत किसानों की तुलना में 16 लाख 90 हजार किसानों ने अपना धान बेचा था. बताया जा रहा है कि पिछले खरीफ सीजन के जितने किसान भाई पंजीकृत हैं, उन्हें अलग से पंजीकरण कराने की जरूरत नहीं है. पिछले सीजन की अंतर की राशि देने का जो निर्णय लिया गया था, उसकी किस्त ही अभी दी जा रही है.

किसानों का डाटा बैंक करेगा होगा

राज्य के किसानों का डाटा बैंक द्वारा किया जाएगा. इसके लिए किसानों से आधार और मोबाइल नंबर लिए जाएंगे. पंजीकृत किसानों की दर्ज भूमि और धान और मक्का के रकबे और खसरे को राजस्व विभाग की मदद से अपडेट किया जाएगा. किसान पंजीकरण का काम राजस्व दस्तावेज के जरिए किया जाता है, इसलिए गिरदावरी का काम राजस्व विभाग द्वारा समय पर पूरा कर पंजीयन के लिए डेटा उपलब्ध कराया जाएगा. प्रक्रिया पूरी होने के बाद किसानों से समर्थन मूल्य पर धान और मक्का खरीदी की जाएगी. इसके साथ ही किसान न्याय योजना के रकबे के आधार पर लाभ दिया जाएगा.

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English Summary: The second installment will be paid on August 20 in the account of farmers under Rajiv Gandhi Kisan Nyay Yojana Published on: 15 August 2020, 03:53 PM IST

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