भारत के कपास संघ के मुताबिक देश में कपास की बुवाई के मुख्य क्षेत्रो. में साधारण मॉनसून के चलते जुलाई के पहले सप्ताह तक कुल क्षेत्रफल का केवल 45 प्रतिशत बुआई ही हो पाई है।
सीएआई अध्यक्ष अतुल गनत्र के अनुसार जुलाई 7 तक, कपास की बुवाई केवल 45 फीसदी क्षेत्रों में पूरी हो पाई, जो कुल 56.57 लाख हेक्टेयर था। जबकि पिछले साल 7 जुलाई तक यह आंकड़ा 123.50 लाख हेक्टेयर था।
पंजाब जैसे प्रमुख कपास उत्पादक राज्यों में बुवाई 2.85 लाख हेक्टेयर, हरियाणा में 6.65 लाख हेक्टेयर, राजस्थान में 5.61 लाख हेक्टेयर, गुजरात में 4.93 लाख हेक्टेयर, महाराष्ट्र में 1 9 .7 लाख हेक्टेयर, मध्य प्रदेश में 4.87 लाख हेक्टेयर, तेलंगाना में 8.80 लाख हेक्टेयर ।
पहले महीने में, सीएआई ने अपने जून के अनुमान में 2017-18 सत्र (अक्टूबर-सितंबर) के लिए 365 लाख गांठों पर कपास फसल उत्पादन का अनुमान लगाया था।
कुल आपूर्ति का अनुमान 394.45 लाख गांठ था, जिसमें 30 जून तक 348.45 लाख गांठों की आगमन शामिल है, आयात समिति ने 10 लाख गांठों का अनुमान लगाया है और सीजन की शुरुआत में शुरुआती स्टॉक में 30 लाख गांठों से संशोधित कर 36 लाख गांठ कर दिया गया है।
सीजन के लिए घरेलू खपत 324 लाख गांठों का अनुमान लगाया गया था, जबकि निर्यात 70 लाख गांठ होने का अनुमान है।
भानु प्रताप
कृषि जागरण
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