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दक्षिण गुजरात के किसान अन्य राज्यों के किसानों से बहुत सारे मामलों में अलग माने जाते हैं. अब यहां के किसान बिजली के मामले में भी अपने आपको स्वावलंबी बनाने कि दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. सचिन क्षेत्र का कनसाड गांव दक्षिण गुजरात का एक ऐसा गांव बनेगा जहां के किसान अब बिजली खरीदेगें नहीं बल्कि बचेगें.
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ऊर्जा मंत्री सौरभ पटेल ने शुक्रवार को सूरत के सचिन क्षेत्र में सूर्य शक्ति किसान योजना का शुभारंभ किया. इस योजना के तहत सौर ऊर्जा से बिजली उत्पन्न कि जाएगी. यदि किसी गांव के 70 फ़ीसद किसान सूर्य शक्ति किसान योजना के तहत बिजली का उत्त्पादन करना चाहते हैं तो गुजरात सरकार उनके खेतों में सोलर प्लांट और अन्य उपकरण लगवायेगी. इसके खर्च में 65 प्रतिशत की सब्सिडी और 35 प्रतिशत का बैक ऋण देगी. पूरे खर्च का 5 प्रतिशत किसान को खुद वहन करना होगा. इस माध्यम से जो बिजली उत्पन्न होगी किसान उसका उपयोग कर सकते हैं. इसके आलावा बची हुई बिजली को सरकार को तीन रूपये प्रति यूनिट की दर से बेच सकते हैं. राज्य सरकार सोलर प्लांट के लिए किसानों को बीमा भी मुहैया कराएगी.
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सूरत के डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव बैंक के वाइस प्रेसिडेंट संदीप देसाई ने बताया कि दक्षिण भारत का कनसाड इस योजना के अंतर्गत लाभ लेने वाला पहला गांव है. कनसाड के 27 किसानों ने इस योजना के लिए अपनी सहमति दे दी है. कनसाड राज्य सरकार लगभग 1.27 करोड़ रुपए के खर्च से इनके खेतों में बिजली उत्पादन के उपकरण लगाएगी. इस योजना से किसान बिजली के क्षेत्र में स्वावलंबी बनेंगे.
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प्रभाकर मिश्र, कृषि जागरण
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