देश में खेती को लाभ का व्यवसाय बनाया जाना है. इसके लिए किसानो की आय बढ़ाने की योजना है. सरकार ने अगले पांच साल में यानी कि साल 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का महत्वाकांक्षी कार्य शुरू किया है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को यह बात कही. उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था काफी हद तक किसानों की समृद्धि पर निर्भर है.
जेटली ने कहा कि भारत की बड़ी आबादी अपनी जीविका के लिए खेती पर निर्भर है. उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए हमारे लिए खेती में लगे लोगों की क्रय शक्ति को बढ़ाना बहुत जरूरी है क्योंकि वृहद अर्थव्यवस्था की वृद्धि काफी कुछ इस समूह की आर्थिक क्षमता और ताकत पर निर्भर करती है.’’ उन्होंने कहा कि दुनियाभर में कृषि समुदाय काफी संवेदनशील रहा है और देश इस क्षेत्र को समर्थन देने के लिए कई तरह के तौर तरीके अपनाते आए हैं.
वित्त मंत्री ने नाबार्ड के एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘कुछ काफी विकसित देश प्रत्यक्ष, अथवा विभिन्न प्रकार की सब्सिडी के माध्यम से यह सुनिश्चित करते रहे हैं कि पैसा उनके किसानों की जेब में पहुंचे. जिन देशों में इस तरह का बोझ उठाने की सामर्थ्य नहीं है उन्हें अभी भी अपने किसानों की वहनीयता को बनाए रखने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है.’’ इस दिशा में सरकार की पहल के बारे में वित्त मंत्री ने कहा कि भारत सरकार वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने का प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा, ‘‘हमारा भारत में इस मामले में हमारी वहन क्षमता की सीमाओं के दायरे में रहते हुए काफी महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है. इसके तहत पहले प्रयास में हमने ग्रामीण क्षेत्रों में ढांचागत सुविधाओं को बेहतर बनाने का काम किया है. इसके साथ ही हम यह भी देख रहे हैं कि उनकी आय को कैसे बढ़ाया जाए.’’
जेटली ने कहा कि सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क, गांवों में बिजली, सिंचाई सुविधाओं का विकास और नियमित आवास सुविधाएं उपलब्ध कराने जैसे अनेक उपाय कर रही है. इस दिशा में उठाए जाने वाले अन्य कदमों में ऋण उपलब्धता, ब्याज सहायता और फसल बीमा शामिल हैं.
वित्तीय सेवाओं के सचिव राजीव कुमार ने इस अवसर पर कहा कि कृषि समुदाय को ऋण सुविधा उपलब्ध कराने के लिए बैंकों ने कई कदम उठाए हैं. राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के चेयरमैन एचके भानवाला ने कहा कि 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करना किसानों को अनिश्चितता से बचाएगा.
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