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किसानों के काम की बात : टिड्डी कीट का हमला होने पर किसान इस नम्बर पर करें कॉल

भारत के किसानों के लिए साल 2020 बहुत ही दुखदाई रहा है. फरवरी और मार्च माह में किसानों की पकी हुई फसल बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण बर्बाद हो गई. इस आपदा के बाद बची शेष बची फसलों की कटाई देशब्यापी तालाबंदी के चलते सही समय पर न हो सकी उसके बाद अब उसे बेचने में भी दिक्कते आने लगी हैं. किसान इन सभी विपदाओं से अभी उबरा नहीं था की एक और नई चुनौती किसानों के सामने आ गई हैं. अब यह नई चुनौती टिड्डी दल (कीटाणु) की है. बता दें, देश में टिड्डी दल का प्रकोप दिन प्रति-दिन और भी बढ़ता ही जा रहा है. भारत में राजस्थान से शुरू हुआ टिड्डी कीट प्रकोप अब देश के कई राज्यों जैसे राजस्थान, मध्यप्रदेश, पंजाब और उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्यों में पहुंच चुका है.

प्रभाकर मिश्र

भारत के किसानों के लिए साल 2020 बहुत ही दुखदाई रहा है. फरवरी और मार्च माह में किसानों की पकी हुई फसल बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण बर्बाद हो गई. इस आपदा के बाद बची शेष बची फसलों की कटाई देशब्यापी तालाबंदी के चलते सही समय पर न हो सकी उसके बाद अब उसे बेचने में भी दिक्कते आने लगी हैं. किसान इन सभी विपदाओं से अभी उबरा नहीं था की एक और नई चुनौती किसानों के सामने आ गई हैं. अब यह नई चुनौती टिड्डी दल (कीटाणु) की है.  बता दें, देश में टिड्डी दल का प्रकोप दिन प्रति-दिन और भी बढ़ता ही जा रहा है.  भारत में राजस्थान से शुरू हुआ टिड्डी कीट प्रकोप अब देश के कई राज्यों जैसे राजस्थान, मध्यप्रदेश, पंजाब और उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्यों में पहुंच चुका है.   

बता दें, एक बार टिड्डी कीटों का दल जिस क्षेत्र में पहुंच जा रहा है वहां की सभी प्रकार की फसलों के पत्तियों को चट कर जा रहा है. जिससे फसलों का विकास नहीं हो पा रहा है. राज्य सरकार इसे रोकने के लिए प्रदेश स्तर पर नियंत्रण कक्ष बना रहीं है.  मध्य प्रदेश सरकार ने तो हर जिले में इसके लिए अलग से कक्ष बनाने का आदेश दिया है. राज्य सरकार केंद्र सरकार के एजेंसी के साथ मिलकर टिड्डी पर नियंत्रण करने कि कोशिश में लगी है जिससे इसे जल्द से जल्द रोका जा सके.

बता दें कि मध्य प्रदेश के खेती विभाग के मुख्य सचिव केशरी ने बताया कि विभाग के द्वारा ट्रैक्टर चलित स्प्रे–पंप ओर फायर ब्रिगेड के माध्यम से कीटनाशक दवाओं का छिडकाव जिलों में आवश्यकता के अनुसार करवा रही है, इसके रोकथाम के लिए जिले स्तर पर कमेटी गठित की गई है. राज्य स्तर पर भी नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है, किसान दिए हुए 07552558823 टोल फ्री नंबर पर जानकारी ले और दे सकते है. किसान और कृषि अधिकारी तत्काल नंबर पर सूचना देकर आवश्यक मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं .

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English Summary: Talking about the work of farmers: when grasshopper insect attack farmers call this number Published on: 28 May 2020, 04:57 PM IST

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