दिल्ली में किसान आंदोलन जोर पकड़ने लगा है. इस आंदोलन को आम किसानों, राजनेताओं, सांसदों एवं मंत्रियों के अलावा अब अभिनय जगत से भी समर्थन मिलने लगा है. हाल ही में एक्ट्रेस स्वरा भास्कर खुद इस आंदोलन को सिंघु बॉर्डर पर पहुंच अपना समर्थन देती दिखी.
स्वरा ने न सिर्फ इस आंदोलन में हिस्सा लिया, बल्कि उसकी कुछ तस्वीरें भी अपने ट्विटर पर शेयर की. गौरतलब है कि स्वरा से पहले अभी तक कई पंजाबी स्टार्स भी इस विरोध पर्दशन को अपना समर्थन और सहायता दे चुके हैं.
स्वरा ने कहा मैं किसानों के साथ हूं
सिंघु बॉर्डर पर किसानों के विरोध को समर्थन देते हुए स्वरा ने कहा कि मैं भारत की एक जागरूक नागरिक हूं और जानती हूं कि इस समय किसानों के साथ गलत किया जा रहा है. मैं किसान नहीं हूं, लेकिन मैं किसान के दुख को समझती हूं. स्वरा ने कहा कि इस समय किसानों के हक में पूरे देश को एकजुट होने की जरूरत है.
इन कलाकारों का मिला समर्थन
दिलजीत दोसांझ और गुरदास मान के बाद स्वरा तीसरी ऐसी सेलिब्रिटी है, जो खुद उस आंदोलन में हिस्सा लेने पहुंची है. हालांकि प्रियंका चोपड़ा, सोनम कपूर, तापसी पन्नू, ऋचा चड्ढा और सोनू सूद जैसे कई कलाकारों ने सोशल मीडिया के सहारे इस आंदोलन को सही बताया है.
ट्रोल्स को दिया जवाब
इस आंदोलन पर किसानों को ट्रोल्स कर रहे लोगों को स्वारा ने कड़ा जवाब देते हुए कहा कि जो किसान गेहूँ उगाते हैं, वो उस गेहूँ से बना पिज़्ज़ा क्यूँ नहीं खा सकते? जिनके पैर, एड़ियों की लकीरें उस मेहनत का प्रतीक हैं, जिससे इस देश की मिट्टी उपजाऊ बनती है, वो उन पैरों का मसाज क्यूँ नहीं करा सकते? कौन हैं वो लोग जो किसानों को सिर्फ़ लाचारी, ग़रीबी & मजबूरी में देखना चाहते हैं?
कंगना ने किया विरोध
इस आंदोलन को एक तरफ जहां बड़े कलाकारों का समर्थन मिल रहा है, वहीं दूसरी तरफ विरोध भी हो रहा है. विरोध करने में सबसे बड़ा नाम कंगना रनौत का है. वो इस आंदोलन में हिस्सा ले रहे या इसे स्पोर्ट कर रहे कलाकारों के खिलाफ हैं.
कलाकारों को सामने आना चाहिए
अपने ट्वीट से इन कलाकारों को आड़े हाथों लेते हुए कंगना ने कहा कि जो स्टार्स किसानों के लिए लोकल क्रांतिकारियों की भूमिका में दिखाई दे रहे हैं, उन्हें कम से कम एक वीडियो के माध्यम से बताना चाहिए कि नए कानूनों में विरोध करने जैसा क्या है. किसानों को भड़काकर ग़ायब हो जाना गलत है.
शाहीन बाग से की तुलना
इतना ही नहीं, इसके बाद कंगना ने एक और ट्वीट में लिखा कि जब प्रसिद्ध और जाने-माने कलाकार मासूमों को भड़काते हैं, तो देश में शाहीन बाग़ जैसे हालात होते हैं. अगर कल किसान आंदोलन में किसी तरह के दंगे होते हैं, तो क्या सरकार उन कलाकारों के खिलाफ कोई केस करेगी?
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