कृषि विज्ञान केन्द्र, झालावाड़ द्वारा 28 दिंसबर,2023 को तीतरवासा व रटलाई गावं एवं 29 दिंसबर, 2023 को खोखंदा गांव में ‘‘स्वच्छता पखवाड़ा’’ अन्तर्गत कृषक गोष्ठी व जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये गये. इस समारोह की जानकारी खुद केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष, डॉ. टी.सी. वर्मा ने दी. बता दें कि पखवाड़ा में केन्द्र पर भी स्वच्छता के प्रति विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये गये. इस दौरान इन कार्यक्रमों में लगभग 296 कृषकों सहित अधिकारियों ने भी भाग लिया. ऐसे में आइए जानते है कि कार्यक्रमों मे क्या कुछ खास रहा-
कार्यक्रम प्रभारी डॉ. सेवाराम रूण्डला, विषय विशेषज्ञ (मृदा विज्ञान) ने खेती-किसानी व पशुपालन में स्वच्छता के महत्त्व पर विस्तार से प्रकाश डालते हुये बताया कि किसानों को खेतों से निकलने वाले फसल अवशेषों, पेड़-पौधों की पत्तियां व कचरा, पशुशाला से निकलने वाले कच्चे गोबर व विभिन्न अवशेषों को सड़ा गलाकर मृदा में मिलाना चाहिए. ताकि मृदा का जीवांश पदार्थ व लाभदायक सूक्ष्मजीवों की संख्या बढ़ सके साथ ही फसल अवशेष सड़ गल कर आगामी फसलों के लिए वरदान की तरह साबित होते है. फसल अवशेषों का मृदा कार्बनिक पदार्थ को बढ़ाने में महत्वपूर्ण अतुलनीय योगदान होता है. अतः इन अवशेषों को जलाने से बचना चाहिए एवं खेती-किसानी में स्वच्छता अपनाने का परिचय देना चाहिए. पशुशाला का भी स्वच्छ रखें ताकि पशुओं में बीमारियों का कम से कम प्रकोप हो साथ हर इनसे शुद्ध व स्वच्छ दूध प्राप्त हो सकें.
केन्द्र की तकनीकी सहायक सुनिता कुमारी ने भी कृषि में स्वच्छता की उपयोगिता पर अपने विचार व्यक्त किए एवं फसलों में खरपतवार प्रबंधन पर विशेष जोर दिया. खरपतवार प्रबंधन को स्वच्छता से जोड़ते हुए बताया कि जिस प्रकार हम अपने आस-पास के परिसर व घर में साफ-सफाई रखते है उसी प्रकार हमें अपने खेतों को भी खरपतवार मुक्त कर साफ रखना चाहिए जिससे कृषि उत्पादन में वृद्धि हो.
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मौना राठौर एवं सुश्री अंकिता मंत्री, सहायक कृषि अधिकारी, झालावाड़ ने कृषि व उद्यान विभाग की योजनाओं से अवगत करवाया. राहुल मीणा, कृषि पर्यवेक्षक ने भी अपने विचार व्यक्त किए. प्रगतिशील किसान अतुल सिंह झाला, देवरी घट्टा ने भी अपने अनुभव साझा किये.
एसडी (टी. सी. वर्मा)
वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष
कृषि विज्ञान केन्द्र, झालावाड़
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