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सूरजमुखी की खेती से आई किसानो के जीवन में बहार...

झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास की सरकार किसानों की आमदनी दोगुनी करने के हर संभव कोशिश कर रही है, और इसके लिए किसानों को फसलों के अलावा फूल और सब्जी की खेती की ट्रेनिंग दी जा रही है. झारखण्ड सरकार की मेहनत का नतीजा है कि सूरजमुखी फूल की खेती से पाकुड़ में किसानों की आमदनी दोगुनी हो गई है.

झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास की सरकार किसानों की आमदनी दोगुनी करने के हर संभव कोशिश कर रही है, और इसके लिए किसानों को फसलों के अलावा फूल और सब्जी की खेती की ट्रेनिंग दी जा रही है. झारखण्ड सरकार की मेहनत का नतीजा है कि सूरजमुखी फूल की खेती से पाकुड़ में किसानों की आमदनी दोगुनी हो गई है.

पाकुड़ में सूरजमुखी के फूलों की खेती से किसानों का भविष्य सुरक्षित होने लगा है। पाकुड़ जिले में अनेक किसान सूरजमुखी के फूलों की खेती कर रहे हैं. दूसरे फसलों के हिसाब से किसानों को सूरजमुखी से ज्यादा फायदा हो रहा है।  बंगाल के बाजारों में डिमांड के चलते किसानों को काफी फायदा मिल रहा है. यहां सूरजमुखी के फूलों की कीमत 200 रुपये किलो है. किसानों को कृषि विभाग का भी पूरा सहयोग मिल रहा है.

किसानो का कहना है कि सूरजमुखी की खेती से किसान बहुत उत्साहित है और साथ ही इसमें लागत कम और मुनाफा अधिक है. दरअसल सूरजमुखी के तेल की बाजार में अधिक मांग है. इसकी फसल तीन महीने में तैयार हो जाती है. प्रति एकड़ करीब 10 क्विंटल उपज होता है. सूरजमुखी के दानों में 40 प्रतिशत तेल होता है. कम समय में किसानों को अधिक मुनाफा होता है.

कृषि विभाग के अधिकारियों ने सूरजमुखी फूल की खेती के लिए किसानों को समझाया और अब किसान झारखंड सरकार की योजना का फायदा उठाकर आत्मनिर्भर बन रहे हैं. पाकुड़ कृषि पदाधिकारी मिथिलेश सिंह कालिंदी ने कहा कि 20 किसानों में सूरजमुखी का बीज बांटा गया था. लगभग 3 हेक्टेयर में फसल लगाया है. कृषि विभाग ने किसानों को बीज और खाद उपलब्ध कराया. साथ ही कई किसानों को ट्रेनिंग के लिए दूसरे राज्यों में भी भेजा गया जिसका नतीजा ये हुआ कि पाकुड़ में सूरजमुखी फूल के जरिए किसानों के जिंदगी खुशहाल हो रही है.

- वर्षा

English Summary: sunflower cultivation Published on: 13 April 2018, 01:49 AM IST

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