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गन्ना बकाया पर विचाराधीन सरकार, सात हजार करोड़ के पैकेज को मिल सकती है मंजूरी

गन्ना बकाया राशि का भुगतान करने के लिए सरकार सात हजार करोड़ रुपए की सहायता कर सकती है। यह फैसला इकॉनामिक अफेयर्स की कैबिनेट कमेटी के दौरान लिया जा सकता है। ज्ञात हो कि गन्ना बकाया राशि लगभग 22 हजार करोड़ पहुंच चुकी है जिसमें लगभग 12 हजार करोड़ रुपए उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों का ही है। इससे पहले सरकार ने पंद्रह हजार करोड़ रुपए की सब्सिडी देने का फैसला किया था।

गन्ना बकाया राशि का भुगतान करने के लिए सरकार सात हजार करोड़ रुपए की सहायता कर सकती है। यह फैसला इकॉनामिक अफेयर्स की कैबिनेट कमेटी के दौरान लिया जा सकता है। ज्ञात हो कि गन्ना बकाया राशि लगभग 22 हजार करोड़ पहुंच चुकी है जिसमें लगभग 12 हजार करोड़ रुपए उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों का ही है। इससे पहले सरकार ने पंद्रह हजार करोड़ रुपए की सब्सिडी देने का फैसला किया था।

इस दौरान बंपर गन्ना उत्पादन सरप्लस में चीनी उत्पादन होने के कारण चीनी की कीमत घरेलू बाजार में घटती चली गई जिसके फलस्वरूप उद्दोग को बकाया राशि भुगतान करने में मुश्किलें आ रही हैं। तो वहीं सरकार भी किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए लगातार प्रयासरत है।

उल्लेखनीय है कि खाद्य मंत्रालय ने 30 लाख टन चीनी का बफर स्टाक करने की बात कही है। रेटिंग एजेंसी इक्रा कहती है कि देश में इस सत्र घरेलू खपत के बाद भी स्टाक मौजूद रहेगा। इसके अतिरिक्त पेट्रोलियम मंत्रालय ने भी एथेनाल पर 6 प्रतिशत की ब्याज सब्सिडी देने का फैसला किया है। तो वहीं चीनी के भाव स्थिरता पाने के लिए सरकार ने आयात शुल्क सौ प्रतिशत करने का साथ निर्यात से शुल्क समाप्त कर दिया है।

आखिरकार गन्ना किसानों के हित में सरकार भी चीनी उद्दोग को लगातार राहत देना चाहती है ताकि बकाया भुगतान किया जा सके। देश में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक आदि बड़े राज्यों में गन्ना उत्पादन बड़े स्तर पर किया जाता है। जिस कारण अधिकांश संख्या में किसान गन्ना खेती पर निर्भर है।

English Summary: Sugarcane News latest Published on: 05 June 2018, 04:38 AM IST

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