बिहार में कभी सियासी जंग तो कभी नेताओं के अटपटे बयान का सिलसिला चलता रहता है. हाल ही में हुए मुख्यमंत्री पद को लेकर राजनीतिक उलट-पलट के बाद अब बिहार में नया बवाल मच गया है. आपको बता दें कृषि मंत्री सुधाकर सिंह के आपत्ति जनक बयान आया है, जिसमें उन्होंने कार्यकर्ताओं को चोर बुलाया है वह अब भी उस पर कायम हैं.
उन्होंने ने कहा कि वह अपने पिछले बयान में कही गई बातों पर कायम रहेंगे. उन्होंने कहा, "मैंने जो कहा है, मैं उस पर कायम हूं. मैं अपने बयान में संशोधन नहीं करूँगा. मुझे इससे आगे कुछ नहीं कहना है. लोगों ने मुझे चुना है और उनके लिए मेरी यह लड़ाई जारी रहेगी.
कैमूर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए सिंह ने बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार पर तंज कसते हुए हमला बोला. मंत्री ने भरी सभा में कहा-, "हमारे (कृषि) विभाग का एक भी विभाग ऐसा नहीं है जो चोरी नहीं करता है. जैसा कि मैं विभाग का प्रभारी हूं, मैं उनका सरदार (प्रमुख) बन जाता हूं. कृषि मंत्री के इस बयान पर विवाद शुरू हो गया.
मंत्री ने आगे कहा सरकार बदल गई है, लेकिन काम करने का तरीका वही है. बिहार सरकार और मंत्री मंडल पर आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार राज्य बीज निगम ने किसानों को राहत देने के नाम पर करीब 200 करोड़ रुपये का गबन किया है. साथ ही किसानों को आगाह भी किया कि जिन किसानों को अच्छी गुणवत्ता वाले धान की खेती करनी थी, वे बिहार राज्य बीज निगम से धान के बीज न लें और अगर किसी कारणवश ले भी लेते हैं तो अपने खेतों में ना लगाएं. किसानों को राहत देने के बजाय, बीज निगमों ने 100-150 करोड़ रुपये की चोरी की है.
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अब देखना यह है कि आने वाले समय में यह बयान क्या रंग लाता है. किसानों के हित में बोली गई बात कोई सकारात्मक बदलाव लाती है या नहीं.
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