आज हम ऐसी खेती के बारे में बात करेंगे जो अक्टूबर के महीने में किसानो के लिए लाभदायक है | यह महीना लहसुन की खेती के लिए बिलकुल सही है क्योंकि इसकी खेती के लिए न तो ज्यादा सर्दी की जरूरत है न ज्यादा गर्मी की अक्टूबर एक मात्र माह है जब न ज्यादा ठंड होती है न ज्यादा गर्मी हो | इसके लिए दोमट मिट्टी अच्छी है | यह वो मिट्टी होती है जिसमें जैविक तत्वों की मात्रा अधिक होती है |
खेती की विधि :
खेत में दो या तीन बार गहरी जुताई करें| फिर खेत को अच्छी तरह समतल करने के बाद क्यारियां और सिंचाई के लिए नालिया बना ले | लहसुन की खेती के लिए 2 से 3 स्वस्थ क्विंटल कलियां प्रति एकड़ में लगती है|
बुवाई और सिंचाई कैसे करे:
बुवाई हेतु प्रति हेक्टर 500 किलो कलियों की आवश्यकता होती है। इसकी बुवाई (रोपाई) कतारों में 15 से.मी. की दूरी पर करें व पौधे से पौधे की दूरी 7-8 से.मी. एवं गहराई 5 से.मी. ही रखें। इसकी बुवाई का उपयुक्त समय 15 अक्टूबर से 15 नवम्बर तक का है। भूमि का तापमान 300 से ज्यादा होने पर कलियों में सडऩ उत्पन्न हो सकती है।बुवाई हेतु प्रति हेक्टर 500 किलो कलियों की आवश्यकता होती है। इसकी बुवाई कतारों में 15 से.मी. की दूरी पर करें व पौधे से पौधे की दूरी 7-8 से.मी. एवं गहराई 5 से.मी. ही रखें। इसकी बुवाई का उपयुक्त समय 15 अक्टूबर से 15 नवम्बर तक का है। भूमि का तापमान 300 से ज्यादा होने पर कलियों में सडऩ उत्पन्न हो सकती है। सिंचाई के लिए लहसुन की गांठों के अच्छे विकास के लिए 10 -15 दिन अंतर रखे |
लहसुन की खुदाई :
लहसुन खुदाई के समय भूमि में नमी रहनी चाहिये जिससे कंद बिना क्षति पहुंचाये निकाले जा सकें। कंदों को पत्तियों सहित निकालने के बाद कंद पर लगी मिट्टी उतार दें तथा छोटे-छोटे बंडल बनाये एवं छाया में सुखा देना चाहिये तथा सूखी पत्तियाँ अलग कर दे। कंदों को उनकी पत्तियों द्वारा गुच्छों में बांध कर किन्हीं अवलंबों पर लटका कर सुखाया जाए तो सही रहेगा। इससे लगभग 100-125 क्विंटल प्रति हेक्टर तक उपज प्राप्त हो सकती है।
यह तो थी अक्टूबर माह में लहसुन की खेती की जानकारी जो आपको मुनाफे के साथ -साथ अच्छी सेहत भी प्रदान करेगी |
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