रसायन और उर्वरक राज्यमंत्री भगवंत खुबा ने लोकसभा में अपने लिखित जवाब में कहा है कि, “किसानों पर उर्वरक सब्सिडी कम करने के प्रभाव को समझने के लिए अभी तक ऐसा कोई अध्ययन नहीं किया गया". इस तरह केंद्र सरकार ने शुक्रवार को यह साफ़ कर दिया है कि उर्वरकों पर सब्सिडी में कटौती का कोई प्रस्ताव नहीं है.
मंत्री ने एक और जवाब में बताया है कि, केंद्र सरकार के पास पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (NBS) योजना के तहत P&K उर्वरकों की दरों को कंट्रोल करने की कोई योजना नहीं है. सरकार कृषकों को सस्ते रेट पर यूरिया व ग़ैर-यूरिया उर्वरक दोनों पर सब्सिडी मुहैया कराती है. उन्होंने बताया कि किसानों को अधिसूचित अधिकतम खुदरा मूल्य 242 रुपये/बैग 45 किग्रा. (नीम कोटिंग और लागू करों को छोड़कर) पर यूरिया प्रदान किया जाता है.
सब्सिडी ₹42 हज़ार करोड़ होने का अनुमान
फ़ाइनान्शियल इयर 2022-23 में पी एण्ड के उर्वरकों के लिए सब्सिडी ₹42 हज़ार करोड़ रुपये होने का अनुमान है.
पंजीकृत पी एण्ड के उर्वरक विनिर्माताओं/आयातकों को सब्सिडी मिलती है जो कृषकों को सब्सिडी रेट पर इन उर्वरकों को उपलब्ध कराते हैं.
किसानों के लिए उर्वरक कई मायनों में आवश्यक होता है. उपज बढ़ाने और मिट्टी में पोषक तत्वों का सही संतुलन बनाकर बेहतर उत्पादन सुनिश्चित करने में उर्वरकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, सही समय पर उर्वरकों के सही इस्तेमाल से फ़सल वृद्धि होती है, उच्च गुणवत्ता वाले फ़सल की उपज उर्वरकों के उपयोग से सुनिश्चित की जा सकती है, उर्वरक पोषक तत्वों की कमी को दूर करने में अहम भूमिका निभाते हैं. इनसे पौधों में रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है और उनके जड़ों के विकास में मदद मिलती है. इसके अलावा उर्वरक कृषि में कई तरह से अहम जगह रखते हैं.
ये भी पढ़ेंः उर्वरक सब्सिडी का प्रावधान चिंताजनक: एफएआई
किसानों को ये अपेक्षा रहती है कि सरकार कम दाम में और सुगमता से उन्हें उर्वरक उपलब्ध कराए ताकि उन्हें खेती-बाड़ी में किसी तरह की दिक़्क़त का सामना न करना पड़े. अब जबकि केंद्र सरकार ने ये स्पष्ट कर दिया है कि वो उर्वरकों के सब्सिडी में कोई कटौती नहीं करने जा रही है तो ज़ाहिर है इससे किसानों को बड़ी राहत मिलेगी.
Share your comments