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काजू के बाग़ लगाने पर सरकार दे रही है सब्सिडी, यहाँ करें आवेदन

मध्य प्रदेश राज्य जिला बैतूल में सरकार काजू की बागवानी बढ़ाने पर जो दे रही है. इसके लिए उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा जिले के किसानों के खेतों में इस वर्ष भी बड़े स्तर पर काजू के बगीचे लगवाए जाएंगे. काजू मुख्यत: पड़त भूमि की फसल होने के कारण बैतूल जिले में बहुतायत में पाई जाने वाली लाल बर्री जमीन हेतु उपयुक्त फसल है.

इमरान खान
Cashew Garden

मध्य प्रदेश राज्य जिला बैतूल में सरकार काजू की बागवानी बढ़ाने पर जो दे रही है. इसके लिए   उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा जिले के किसानों के खेतों में इस वर्ष भी बड़े स्तर पर काजू के बगीचे लगवाए जाएंगे. काजू मुख्यत: पड़त भूमि की फसल होने के कारण बैतूल जिले में बहुतायत में पाई जाने वाली लाल बर्री जमीन हेतु उपयुक्त फसल है. बैतूल जिला प्रदेश का पहला जिला है जहॉ पर वर्ष 2018-19 से काजू की व्यवसायिक खेती प्रारंभ की गयी है. काजू उत्पादन की संभावनाओं को देखते हुये विभाग द्वारा इस वर्ष 1000 हेक्टेयर में किसानों के खेतों में काजू के बगीचे लगाये जाने का लक्ष्य रखा गया है.

उप संचालक उद्यान डॉ. आशा उपवंशी-वासेवार द्वारा बताया गया कि बैतूल जिले हेतु काजू आर्थिक रूप से काफी लाभकारी फसल है, जिसे काली भारी मिट्टी एवं ऐसी मिट्टी जहां जल का भराव होता है, को छोडक़र सभी तरह की मिट्टी में लगाया जा सकता है. ड्रिप सहित काजू लगाये जाने पर रोपण के दूसरे साल से उत्पादन प्राप्त होता है जो कि प्रतिवर्ष बढक़र 6-7 साल बाद व्यवसायिक उत्पादन प्रारंभ हो जाता है, प्रति पेड़ औसतन 15-20 किलो उत्पादन प्राप्त होता है. ग्रेडिंग के अनुसार कच्चा काजू 100-125 रूपये प्रति किलो की दर से आसानी से बिक जाता है. काजू के उत्पाद जैसे काजू, एप्पल, कवर, काजू नट आदि का मूल्य संवर्धन कर कई तरह के उत्पाद बनाये जा सकते है. काजू प्रसंस्करण हेतु बैतूल जिले के घोडाडोंगरी में छोटी प्रसंस्करण इकाई स्थापित है.

Cashew Fruit

सरकार की ओर से मिलेगा अनुदान

उद्यानिकी विभाग की फल पौधरोपण योजनान्तर्गत काजू के बगीचे लगाये जाने हेतु अनुदान का प्रावधान है. ड्रिप सहित 1 हेक्टेयर में 400 पौधों का रोपण किये जाने पर प्रावधान अनुसार 3 वर्षो में 3 किश्तों (60:20:20) में 60 हजार रूपये अनुदान देय होगा. योजनांतर्गत ग्राफ्टेड पौधे विभाग द्वारा प्रदान किये जायेंगे जिनकी राशि सम्बन्धित किसान की अनुदान राशि से समायोजित की जाएगी.

यहाँ करें संपर्क :      

सीमित लक्ष्य को देखते हुये पात्रता अनुसार ‘पहले आओ पहले पाओ’ के आधार पर योजना का लाभ दिया जाएगा. अधिक जानकारी के लिये इच्छुक कृषक संबंधित विकासखण्ड के उद्यानिकी कार्यालय अथवा कार्यालय उप संचालक उद्यान, कंपनी गार्डन, बस स्टैण्ड के पीछे, बैतूल में  सम्पर्क कर सकते है.

Cashew raw fruit

कोको बोर्ड द्वारा दिया गया प्रशिक्षण

जिले में काजू की व्यवसायिक खेती हेतु राष्ट्रीय काजू एवं कोको विकास निदेशालय कोच्चि केरल द्वारा तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान किया जा रहा है. पूर्व में निदेशालय के वैज्ञानिकों द्वारा जिले के काजू बगीचों का भ्रमण कर निरीक्षण किया गया एवं काजू लगाने वाले किसानों को काजू उत्पादन की तकनीकों का प्रशिक्षण भी दिया गया. वैज्ञानिकों द्वारा अनुशंसा की गयी कि बैतूल जिले की जलवायु काजू की खेती के लिये अनुकूल है एवं उचित देखभाल करने पर बैतूल जिले में उत्पादित काजू अपनी एक नई पहचान बना सकता है.

English Summary: Subsidy on Cashew Farming in Madhya Pradesh Published on: 21 June 2019, 12:35 PM IST

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