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दिल्ली-एनसीआर में इस बार कम पहुंचेगा पराली का धुंआ, पंजाब ने 50 प्रतिशत से अधिक कमी लाने का रखा लक्ष्य

Paddy Straw - पंजाब सरकार के द्वारा पेश किए गए एक्शन प्लान में सरकार ने पराली जलाने में 50 प्रतिशत से अधिक कमी लाने का लक्ष्य रखा है. इसके मद्देनजर राज्य सरकार 6 जिलों पर विशेष तौर पर अपनी नजरें बनाई हुई है. अनुमान है की खेतों में लगभग 20 मिलियन टन धान की पराली हो सकती है.

लोकेश निरवाल
parali ka dhua
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देशभर में पराली जलाने की लिस्ट में पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान शामिल हैं. लेकिन इस बार पंजाब सरकार ने पराली जलाने में करीब 50 प्रतिशत से अधिक कमी लाने की लक्ष्य रखा है. इस बात की जानकारी राज्य सरकार द्वारा वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQS) को सौंपे गए एक्शन प्लान में है. जिसमें सरकार ने पंजाब के लगभग 6 जिलों में पराली जलाने की दिक्कत को कम करने का फैसला लिया है. इसका सीधा असर दिल्ली-NCR के इलाकों में देखने को मिलेगा. कहने का मतलब यह है कि इस बार दिल्ली-एनसीआर की जनता पराली के धुंए से काफी हद तक मुक्ति पा सकती है. सरकार की भी यहीं कोशिश है कि इस बार जितना हो सके दिल्ली में पराली जलाने से प्रदूषण कम हो.

अनुमान है कि इस बार पंजाब के खेतों से करीब 20 मिलियन टन धान की पराली (Paddy Straw) हो सकती है, जिसमें से 3.3 मिलियन टन बासमती धान की पराली है, जिसके चलते राज्य सरकार ने यह अहम फैसला लिया है.

पराली में 50 प्रतिशत से अधिक कमी लाने का लक्ष्य

केंद्रीय कृषि मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल भारत के 6 राज्यों में पराली जलाने के कुल 69,615 मामले सामने आए थे, जिसमें से अकेले 49,922 मामले पंजाब राज्य के थे. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, साल 2022 में पंजाब के संगरूर, बठिंडा, फिरोजपुर, मुक्तसर और मोगा के किसानों के द्वारा पराली सबसे अधिक जलाई गई थी. इन्हीं मामलों को देखते हुए इस बार पंजाब के किसानों को सबसे अधिक ध्यान रखा गया है और यहां की सरकार भी पराली जलाने की रोक पर कार्य कर रही हैं. ताकि पंजाब सरकार के द्वारा तय किया गया पराली में 50 प्रतिशत से अधिक कमी लाने का रखा लक्ष्य पूरा हो सके.

सरकार ने बनाई बायो डीकंपोजर डालने की योजना

राज्य सरकार के द्वारा पेश किए गए एक्शन प्लान के मुताबिक होशियारपुर, मलेरकोटला, पठानकोट, रूपनगर, एसएएस नगर (मोहाली) और एसबीएस क्षेत्रों पर सबसे अधिक नजर रखी जाएगी. क्योंकि इस क्षेत्रों में इस बार धान की फसल के तहत कुल क्षेत्र 31 लाख हेक्टेयर होने का अनुमान है. ऐसे में इन स्थानों से 20 मिलियन टन तक धान की पराली की उम्मीद है.

इसके अलावा सरकार ने इस परेशानी से निजात पाने के लिए 8,000 एकड़ धान क्षेत्र में बायो डीकंपोजर डालने की योजना बनाई है. साथ ही सरकार ने पराली के लिए 1 लाख 17 हजार 672 सीआरएम मशीन मौजूद है और सरकार भविष्य में 23 हजार नए मशीनें और लाने जा रही है.

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कई चीजों में होगा पराली का इस्तेमाल

पंजाब सरकार ने पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम की धारा 5 के तहत  के धान की पराली को लेकर एक नोटिफिकेशन भी जारी किया है. ताकि लोग सतर्क रहे और इससे जुड़े कारों को पूरा कर सकें. इस बार सरकार के द्वारा पराली का इस्तेमाल जैव-इथेनॉल प्लांट, बायोमास आधारित बिजली संयंत्र, कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांटों और कार्डबोर्ड कारखानें ईंधन के रूप में किया जाएगा.

English Summary: stubble burning stubble smoke farmers of punjab paddy straw punjab government Published on: 27 September 2023, 02:23 PM IST

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