Stubble Burning Reduced In Haryana: हरियाण सरकार पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ लगातार सख्त कदम उठाती दिख रही है, जिसका असर अब राज्य में दिखने भी लगा है. हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में कमी देखने को मिली है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो वर्ष 2021 की तुलना में 2024 में लगभग 60 प्रतिशत पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई है. सितंबर-अक्टूबर में हरियाणा में 680 सक्रिय आग स्थान (AFL) दर्ज किए गए, जबकि वर्ष 2021 में 1,726 मामले पराली जलाने के दर्ज किए गए थे.
पराली जलाने के मामलों में आई कमी
पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ इस साल हरियाणा सरकार काफी एक्टिव मोड में रही है. प्रदेशभर से 93 FIR में 13 किसानों को अरेस्ट किया गया और दोषी पाए गए किसानों के खिलाफ 380 रेड एंट्री दर्ज की गई है, जिससे वह किसान अगले 2 सीजन तक मंडियों में MSP पर अपनी फसल नहीं बेच सकेंगे. साथ ही, हरियाणा सरकार ने 420 अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही भी शुरू की है, जिससे पिछले साल की तुलना में इस साल पराली जलाने के मामले काफी कम हो गए है.
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328 किसानों का चालान
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हरियाणा में 21 अक्टूबर तक पराली जलाने की वजह से 328 किसानों का चालान किया जा चुका है, जिसमें 8.35 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. कैथल में 62 किसानों पर 1.60 लाख रुपये, कुरुक्षेत्र में 58 किसानों पर 1.45 लाख रुपये और करनाल के 40 किसानों पर 1.10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है.
बनाई गई 500 टीमें
हरियाणा सरकार पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए पूरी तरह से जुट गई है. कृषि विभाग और जिला प्रशासन मिलकर इस पर काम कर रहा है, इसके लिए 500 टीमें बनाई गई हैं, जो किसानों को पराली न जलाने के लिए जागरूक कर रही हैं और पराली जलाने वाले किसानों पर नजर भी रख रही हैं. इस दौरान जो किसान पराली जला रहे हैं, उन पर जुर्माना लगाया जा रहा है और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है.
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